चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी ओहदों का दानिप्स कैडर में विलय पर सरकार का यू-टर्न

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चंडीगढ़ पुलिस
चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय की फाइल फोटो

भारत के दो राज्यों पंजाब, हरियाणा की संयुक्त राजधानी और केन्द्रशासित क्षेत्र चंडीगढ़ पुलिस के उपाधीक्षकों (DSP) के ओहदों का दानिप्स (DANIPS) कैडर में विलय एक बार फिर से विवादों के बीच टाल दिया गया है. बरसों से लटके हुए विलय प्रस्ताव को पिछले महीने ही हरी झंडी देते अधिसूचना जारी की गई थी जिस पर केंद्र सरकार ने खुद ब खुद रोक लगा दी है.

नई दिल्ली में आज (17 अक्टूबर 2018) को केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से दी गई आधिकारिक सूचना में कहा गया है, “25 सितम्बर 2018 को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी, चंडीगढ़ के पुलिस उपाधीक्षकों (DSP) के पदों के दानिप्स (DANIPS ) में विलय वाली, अधिसूचना पर अमल अगले आदेश तक रोक दिया गया है.”

चंडीगढ़ पुलिस का अलग कैडर न होने की वजह से वहां की पुलिस में इंस्पेक्टर के पद से तरक्की पाकर डीएसपी बनने वाले अधिकारियों को अगली तरक्की मिल पाती है और न ही अन्य राज्यों या केंद्र में तबादला हो पाता है जिससे उनमें बेहतर पेशेवर अनुभव नहीं मिल पाते. वहीँ छोटा क्षेत्र और सिर्फ 16 पद होने के वजह से अलग कैडर बनाया जाना सम्भव नहीं है. लिहाज़ा दिल्ली वाले कैडर में चंडीगढ़ पुलिस सर्विस के डीएसपी को शामिल करने का विचार बरसों पहले आया था लेकिन चंडीगढ़ के ही अधिकारीयों का एक बड़ा तबका इसका विरोध करता आ रहा है. ये मामला अदालत तक भी पहुंचा है.

विरोध की वजह :

विलय के विरोध में तर्क दिया जा रहा है कि इसमें इंस्पेक्टरों की वरिष्ठता के आधार पर तरक्की की नीति स्पष्ट नहीं है. चण्डीगढ़ पुलिस में डीएसपी वे बनते हैं जो वहां की पुलिस में सहायक पुलिस निरीक्षक (असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर-ASI) के तौर पर भर्ती होते हैं और फिर उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर-SI) और निरीक्षक (इंस्पेक्टर-Inspector) बनते हैं. दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस में डीएसपी यानि सहायक पुलिस आयुक्त (ACP – एसीपी) वो अधिकारी बनते हैं जो दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर भर्ती होते हैं.

इसके अलावा विरोध के पीछे दलील यह भी दी जा रही है कि तबादले की सूरत में आवास नीति की स्पष्टता नहीं है. कुछ विसंगतियों को भी विरोध का आधार बनाया जा रहा है. विलय का मतलब है कि चण्डीगढ़ के डीएसपी दिल्ली-अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में स्थानांतरित किये जा सकेंगे दूसरा इस कैडर के अधिकारी चंडीगढ़ भी आ सकेंगे. लेकिन एक बड़ा तबका जो चण्डीगढ़ में रहने को सुविधाजनक मानता है, वो भी इस विलय की मुखालफत कर रहा है.

अधिकारियों का अनुपात :

वहीं गृह मंत्रालय ने चण्डीगढ़ प्रशासन को सलाह दी है कि पुरानी परम्परा के मुताबिक़ उन नागरिक प्रशासन वाले पदों पर 60 : 40 के अनुपात में अधिकारियों की तैनाती जारी रखी जा सकती है जहां जहां पहले होती थी. यानि 60 प्रतिशत पदों पर पंजाब राज्य/कैडर के और 40 प्रतिशत पदों पर हरियाणा राज्य/कैडर के अधिकारियों की तैनाती.

हेलमेट का नियम :

गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ प्रशासन को राजधानी दिल्ली की तर्ज़ पर, दुपहिया वाहन सवार सिख महिलाओं के हेलमेट पहनना उनकी मर्जी पर छोड़ने की भी सलाह दी है.