गुजरात से प्रत्यारोपण के लिये दिल्ली लाये गये ह्रदय को हवाई अड्डे से अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कारीडोर बनाकर उसे अमल किये अभी 12 घंटे ही मुश्किल से बीते थे कि अचानक राजधानी की यातायात पुलिस को अंग प्रत्यारोपण के लिए, वैसी ही चुनौती का सामना करना पड़ा. ये चुनौती इसलिए थी क्यूंकि उसी दौरान दिल्ली की मुख्य सड़कों पर और अन्य राज्यों से भारी वाहनों की एंट्री शुरु हो जाती है. बावजूद इसके आपात स्थिति में ट्रैफिक पुलिस हवाई अड्डे से 23 किलोमीटर दूर फ्रेंड्स कालोनी स्थित फोर्टिस एस्कोर्ट्स अस्पताल तक ग्रीन कारीडोर बनाने में कामयाब रही.
यातायात पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर अलोक कुमार ने बताया कि 13 सितम्बर की रात को बनाये गये इस ग्रीन कारीडोर (Green Corridor) में ये फासला 19 मिनट में तय किया गया. प्रत्यारोपण के लिए हृदय इंडिगो की जिस फ्लाइट से लाया गया वो यहाँ रात 10 बजकर 44 मिनट में पहुंची थी. IGI हवाई अड्डे से 10 बजकर 49 मिनट पर वो वाहन अस्पताल के लिए चला जिसे पुलिस के बनाये ग्रीन कारीडोर से 11 बजकर 8 मिनट में गंतव्य तक पहुंचा दिया गया. आमतौर पर इस वक्त में वहां पहुँचने में एक से सवा घंटा लगता है.
यातायात पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर अलोक कुमार ने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि भारी वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बावजूद ये ग्रीन कारीडोर सफल रहा और इस दौरान राजधानी का उस रूट और क्षेत्र का ट्रैफिक भी बिना किसी बड़े व्यवधान के चलता रहा. इतने कम समय में दिल्ली में अंग प्रत्यारोपण के लिए दो कामयाब ग्रीन कारीडोर बनाने का काम शायद पहली बार किया गया है.
AIIMS तक दिल पहुँचाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का ग्रीन कारीडोर