सुकमा में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ का सब इंस्पेक्टर शहीद, सिपाही ज़ख्मी

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सुकमा में नक्सली हमला
सीआरपीएफ के ट्रेंड कमांडो राजेश कुमार बिन्द (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ के सुकमा में आज सुबह आपरेशन पर निकले केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ ) के दल को बम (Improvised Explosive Device-IED ) में धमाका करके निशाना बनाया. इस हमले में सीआरपीएफ की 206 कोबरा बटालियन के सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार बिन्द शहीद हो गये और उनके साथ सिपाही माणिक पिनरी घायल हो गये.

सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने यहाँ दिल्ली में बताया कि जिस जगह धमाका हुआ, वहां से 100 मीटर के फासले से, सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवानों ने एक आईइडी बरामद भी किया है.

सीआरपीएफ पर ये हमला सुकमा के पोल्लमपल्ली में पुशवाडा और तमिलवाडा के बीच वाले रास्ते पर हुआ. दोनों घायलों को हेलीकाप्टर के जरिये रायपुर के अस्पताल के लिए रवाना किया जा रहा था कि इस दौरान सब इंस्पेक्टर राजेश ने प्राण त्याग दिए. उनका शव पोस्टमार्टम के लिए आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया है. वहीं घायल हुए कांस्टेबल माणिक को रायपुर में बालाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सीआरपीएफ के प्रवक्ता के मुताबिक़ राजेश कुमार बिन्द ट्रेंड कमांडो थे. आज वो टीम के आगे थे और टीम के लिए रास्ता साफ़ कर रहे थे, उसी वक्त नक्सलियों की वहां पर छिपा कर राखी गई आईईडी में ज़ोरदार धमाका हुआ.

सीआरपीएफ में 20 सितम्बर 2007 में भर्ती हुए राजेश इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक थे. वह 2008 में बेसिक ट्रेनिंग के बाद इलाहाबाद, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड और असम में तैनात रहे और तीन साल पहले यानि 2015 में कोबरा में शामिल हुए.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला निवासी बिंद (30) नौ सितंबर 2007 को सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. जुलाई 2015 में उन्हें विशिष्ट कोबरा बटालियन में शामिल कर लिया गया था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र बिंद ने कोबरा का मूल प्रशिक्षण 2008 में पूरा किया था. उन्होंने इलाहाबाद, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड और असम में भी अपनी सेवाएं दी थीं. बिंड के शव को बाद में विमान द्वारा रायपुर से लखनऊ भेज दिया गया जिसे वहां सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव मीरगंज भेजा जाएगा.

नक्सलियों द्वारा कंकेर जिला में भारतीय जनता पार्टी के सांसद के फार्महाउस को आईईडी से उड़ाने के अगले ही दिन यह हमला हो गया. गौरतलब है कि 13 मार्च को सुकमा में भी इसी तरह का आईईडी विस्फोट हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के नौ जवान शहीद हो गए थे और लगभग 10 गंभीर रूप से घायल हुए थे. सुकमा के भेज्जी में 18 फरवरी को माओवादियों से मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों के अलावा छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.