सीआरपीएफ ने हिन्दी दिवस मनाया, हिन्दी में काम वाले सम्मानित

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सीआरपीएफ समाचार 'राजभाषा विशेषांक' के विमोचन के मौके पर डीजी राजीव राय भटनागर के साथ सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी.

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में हिन्दी में बेहतरीन काम करने वाले विभागों और कार्मिकों को हिन्दी दिवस कार्यक्रम के मौके पर सम्मानित और पुरस्कृत किया गया. सीआरपीएफ के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने ये सम्मान दिए. सेक्टर राजभाषा रनिंग शील्ड प्रतियोगिता में पहला स्थान मुंबई स्थित पश्चिम सेक्टर ने हासिल किया जबकि दूसरे स्थान पर इम्फाल (मणिपुर-नगालैंड) रहा. पश्चिम सेक्टर की शील्ड महानिरीक्षक आईपीएस अधिकारी राजकुमार और मणिपुर-नगालैंड सेक्टर की शील्ड महानिरीक्षक आईपीएस अधिकारी अंशुमन यादव ने प्राप्त की.

सीआरपीएफ प्रवक्ता के मुताबिक अनुभाग राजभाषा रनिंग शील्ड प्रतियोगिता में पहले स्थान पर महानिदेशालय प्रशासन -2 रहा जबकि दूसरा स्थान निर्माण अनुभाग ने हासिल किया. महानिदेशक ने राजभाषा अनुभाग रनिंग शील्ड प्रदान की.
राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में बेहतरीन काम के लिए पश्चिम सेक्टर मुख्यालय में तैनात सहायक कमांडेंट (राजभाषा) नागराज द्विवेदी और बल मुख्यालय के राजभाषा अनुभाग में तैनात सहायक कमान्डेंट मुहम्मद इकबाल खान, निरीक्षक रमेश कुमार पाण्डेय (हिन्दी अनुवादक), निरीक्षक सच्चिदानंद सुमन (हिन्दी अनुवादक) को डीजी डिस्क और प्रशस्ति पत्र दिया गया.

सीआरपीएफ के पश्चिम सेक्टर की राजभाषा रनिंग शील्ड महानिरीक्षक अंशुमन यादव ने प्राप्त की.

सूबेदार मेजर सत्येन्द्र सिंह (हिन्दी अनुवादक) और निरीक्षक के. सुन्दरेसन (हिन्दी अनुवादक) को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इन सम्मान का मकसद उनका मनोबल बढ़ाना है और इससे औरों को प्रेरणा भी मिले.

सीआरपीएफ में हिन्दी पखवाड़े के दौरान और हिन्दी दिवस पर हिन्दी कार्यशाला, हिन्दी टाइपिंग/आलेखन, हिन्दी टाइपिंग और व्यवहार प्रतियोगिताओं में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले विजेताओं को प्रशस्ति पत्र दिए गये. इस मौके पर सीआरपीएफ महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने सीआरपीएफ समाचार ‘राजभाषा विशेषांक’ का विमोचन भी किया.

सीआरपीएफ के डीजी श्री भटनागर ने इस अवसर पर कहा कि हमारी राजभाषा नीति बिलकुल स्पष्ट है और बल में अधिक से अधिक काम हिन्दी में करने की कोशिश की जाती है. उन्होंने कहा कि हिन्दी देश में सबसे बोले जाने वाली भाषा है. श्री भटनागर ने कहा कि हिन्दी के प्रचार और प्रसार के लिए ज़रूरी है कि शासकीय काम में आसान हिन्दी का इस्तेमाल किया जाए ताकि भाषा का भाव ज्यादा से ज्यादा लोगों को समझ आ सके. उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि सीआरपीएफ में अधिकारी और कर्मचारी हिन्दी में ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहिए.