सीआरपीएफ के झारखंड सेक्टर की पहल पर बनाया क्लॉथ बैंक

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सीआरपीएफ के जमशेदपुर ग्रुप केंद्र में "जॉय ऑफ शेयरिंग" समारोह आयोजित करके लगभग 10000 सिले सिलाये कपड़े क्लॉथ बैंक से सीड्स संस्था को दिए गए.

भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल यानि केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ-CRPF) के झारखण्ड सेक्टर ने सीआरपीएफ के सामाजिक सहयोग कार्यक्रम को बढ़ाते हुए एक और अनूठी पहल की है. भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि के तौर पर की गई इस पहल के तहत दस हज़ार कपड़ों के दान के साथ क्लॉथ बैंक (Cloth Bank) की नींव रखी गई. इसके लिए सीड्स नामक स्वयंसेवी संस्था का साथ भी लिया गया है.

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सामाजिक सहयोग कार्यक्रम के तहत सीआरपीएफ के झारखण्ड सेक्टर की अनूठी पहल.

सीआरपीएफ के झारखण्ड सेक्टर के प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक आईपीएस अधिकारी संजय आनंद लाठकर के निर्देशन के मुताबिक़ हुई इस पहल के तहत ही सीआरपीएफ के जमशेदपुर ग्रुप केंद्र में “जॉय ऑफ शेयरिंग” (साझा करने की ख़ुशी) नाम से समारोह आयोजित करके लगभग 10000 सिले सिलाये कपड़े क्लॉथ बैंक से सीड्स संस्था को दिए गए ताकि इन्हें झारखण्ड राज्य के दूर-दराज के इलाकों में बसे जरूरतमंद लोगों के बीच बांटा जा सके. सीड्स संस्था आजीविका संवर्धन, क्षमता निर्माण शिक्षा, साक्षरता, स्वास्थ्य, पोषण एवं महिला सशक्तिकरण है जैसे विषयों पर काम करती है.

झारखण्ड राज्य में स्थित केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सभी बटालियन एवं कार्यालयों में तैनात अधिकारियों, जवानों एवं उनके परिवार के सदस्यों के सहयोग से एक विशेष अभियान चलाकर शुरुआती दौर में ये तकरीबन 10,000 कपड़े जमा किये गये थे.

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सीड्स संस्था की निदेशक डॉ0 शुभ्रा द्विवेदी के अलावा सीआरपीएफ की जमशेदपुर रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी DIG) संदीप गोकेल, जमशेदपुर ग्रुप केन्द्र के उप महानिरीक्षक (DIG) हरजिन्दर सिंह और रेपिड एक्शन फ़ोर्स की 106 बटालियन के कमान्डेंट पीके सिंह के साथ कई और अधिकारी व जवान शामिल हुए. कार्यक्रम का संचालन जमशेदपुर ग्रुप केन्द्र के कमान्डेंट सुभाष चन्द्र शर्मा ने किया.

उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ के झारखण्ड सेक्टर में तैनात बटालियन एवं अन्य कार्यालयों की तरफ से पहले भी कई तरह के सामाजिक सहयोग वाले काम किए जाते रहे हैं, जिसमें जरूरतमंद बीमार लोगों के लिए बाइक एम्बुलेंस का बन्दोबस्त, सुदूरवर्ती गांवों में बिजली का इंतज़ाम करवाना, शिक्षकों की कमी होने पर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना, मेडिकल कैम्प लगाकर लोगों का इलाज करना एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, युवा प्रतिभा को जागरूक करने के लिए खेलकूद का आयोजन, खेलकूद सामग्री का वितरण करना, बेरोजगार युवक एवं युवतियों के लिए कौशल विकास योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित करना, गांवों के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए लाइब्रेरी खुलवाना और ज्ञानवर्धक पुस्तकों का वितरण करवाना, समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन करना.

इसके अलावा कई स्वयंसेवी संगठनों के सक्रिय सहयोग से जैविक कृषि का ज्ञान, उन्नत किस्म के बीजों का वितरण, मृदा परीक्षण एवं श्रमदान का काम भी सीआरपीएफ की तरफ से किया जाता रहा है. साथ साथ सुदूरवर्ती गांवों के आदिवासियों से सीधा सम्पर्क कर उनकी हरसंभव मदद करना तथा उनके जरूरत के अनुसार अनेकों कल्याणकारी कार्य नियमित रूप से करना भी सीआरपीएफ के कामों की फेहरिस्त में शामिल हैं.