भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट सुखोई 30 ( Su -30 MKI ) में उड़ान भरी. समुद्र तट से 2000 मीटर की ऊंचाई पर 800 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ये सुखाई असम में आसमान के ऊपर परवाज़ करता रहा. राष्ट्रपति मुर्मू तकरीबन आधा घंटा फाइटर जेट में रहीं जिसे वायु सेना के ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार तिवारी उड़ा रहे थे.

भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं यानि थल सेना, वायुसेना और नौसेना की सुप्रीम कमांडर होता है. इस नाते उनको सेना के कार्यकलापों और शस्त्र प्रणाली आदि से अवगत कराया जाता है. वैसे उनसे पहले भी राष्ट्रपति रहे रामनाथ कोविद, प्रतिभा देवी पाटिल, ए पी जे अब्दुल कलाम इस तरह से वायुसेना के लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके हैं. रूस में विकसित सुखोई फाइटर जेट का निर्माण हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL ) ने किया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 6 अप्रैल से तीन के अपने असम दौरे पर हैं. इस यात्रा के दौरान उनके विभिन्न कार्यक्रमों की लिस्ट में फाइटर सुखोई पर उड़ान भरना पहले से शामिल था. असम के तेजपुर एयर बेस से आज सुबह जब राष्ट्रपति मुर्मू लड़ाकू विमान में सवार होने आई तो वे वायुसेना के पायलट की वर्दी और हेलमेट के साथ दिखीं. एयर मार्शल एस पी धनकड़, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंद बिस्वा शर्मा ने तेजपुर एयर बेस पर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की फाइटर जेट में ये पहली उड़ान थी. सुखोई उड़ाने वाले ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार तिवारी भारतीय वायु सेना की 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर है. उनको उड़ान के दौरानहिमालय के साथ ब्रह्पुत्र और ताजपुर घाटी के नज़ारे दिखाई दिए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( president droupadi murmu ) ने एयरबेस की विजिटर बुक में आज की उड़ान के बाद की भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा कि भारतीय वायु सेना के सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भरना मेरे लिए एक रोमांचकारी अनुभव था. ये गर्व का विषय है कि भारत ने अपनी रक्षा क्षमता सभी मोर्चो ज़मीन, हवा और समुद्र में ज़बरदस्त तरीके से बढ़ाई है. राष्ट्रपति ने इस उड़ान के आयोजन के लिए तेजपुर एयरबेस (tezpur airbase) की पूरी टीम को बधाई दी.

बीते मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत का दौरा किया था. वे वहां तैनात अधिकारियों और नौसैनिकों से मिलीं थीं.