मेंढर के गांव में सेना ने गुलशन ए ज़ीनत बनाकर लोगों को शानदार तोहफा दिया

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बागीचे 'गुलशन ए ज़ीनत' के समर्पण के मौके पर भारतीय सेना की तरफ से 120 ब्रिगेड के कमांडर और अन्य अधिकरी मौजूद थे. फ़ोटो : राही कपूर

जम्मू कश्मीर के पुंछ (poonch) जिले के सीमान्त इलाके में सेना की तरफ से विकसित किया गया फूलों का एक बगीचा कुछ गाँव वालों की आमदनी का ज़रिया बन सकता है. भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण (line of control) के करीब के इलाकों में रहने वालों के लिए रोज़गार के स्त्रोतों का बन्दोबस्त करने की श्रृंखला में ये एक और कड़ी है. सेना के ऑपरेशन सद्भावना के तहत फूलों का ये बागीचा मेंढर सब डिवीजन के डराना गांव में बनाया गया है.

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पूंछ के डराना गांव में बागीचा
फ़ोटो : राही कपूर

सेना की 120 वीं ब्रिगेड (120 brigade) के सहयोग से डराना गांव में बने फूलों के बागीचे के लिए सरपंच हाजी शारिक खान ने अहम भूमिका निभाते हुए इस प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन दी है. बागीचे ‘गुलशन ए ज़ीनत’ के समर्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय सेना की तरफ से 120 ब्रिगेड के कमांडर और अन्य अधिकरी मौजूद थे. इस समारोह में मेंढर के ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने भी हिस्सा लिया और सेना का आभार प्रकट किया. सेना के अधिकारी के मुताबिक क्योंकि फूलों की ज़रूरत पूरा करने के लिए यहां से लोगों को जम्मू तक भी जाना पड़ता था.

सरपंच हाजी शारिक का कहना था कि इससे दो फायदे होंगे. एक तो ये स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन का केंद्र बनेगा क्योंकि यहां पर कोई भी पार्क या बगीचा नही है. साथ ही बेरोजगार युवाओं और मजदूरों के लिए आमदनी का साधन भी बनेगा. उनको यहां पर काम सीखने का मौका मिलेगा जिससे इस हुनर के जरिए वे कहीं और जाकर भी काम पा सकेंगे.