लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नये चीफ

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लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर
लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर. फोटो : यूट्यूब

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन और इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले बड़े बदलाव के तहत लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (आईएसआई-ISI) का मुखिया यानि महानिदेशक नियुक्त किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर पाकिस्तान के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा के सबसे करीब बताये जाते हैं.

पिछले महीने मिली तरक्की :

लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर का इस ओहदे पर आना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है. वह उन पांच मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों में से हैं जिन्हें 28 सितम्बर को ही तरक्की देकर लेफ्टिनेंट जनरल बनाया गया था. ये तरक्कियां पाकिस्तानी सेना के पांच सबसे वरिष्ठ जनरलों के रिटायर होने की सूरत में खाली पदों को देखते हुए की गई थीं.

सेना प्रमुख बाजवा की पसंद :

फिलहाल लेफ्टिनेंट जनरल नावीद मुख्तार आईएसआई के डायरेक्टर जनरल हैं लेकिन वह इसी महीने में रिटायर होने वाले हैं. उनको भी लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा ने ही दिसम्बर 2016 में लेफ्टिनेंट जनरल रिज़वान अख्तर की जगह महानिदेशक बनवाया था. लेफ्टिनेंट जनरल नावीद मुख्तार भी बाजवा के पसंदीदा अधिकारियों में शुमार हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर :

मुनीर असीम इससे पहले सेना के गुप्तचर विभाग मिलिटरी इंटेलिजेंस (एमआई) के महानिदेशक थे. वह पाकिस्तानी सेना की उत्तरी क्षेत्र की फोर्स कमांड के कमांडर भी रहे हैं और पाकिस्तान के नागरिकों को दिए जाने वाले दूसरे सबसे बड़े सम्मान हिलाल-ए-इम्तियाज़ से भी नवाजे जा चुके हैं.

और अफसर ये हैं :

लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर
मुनीर के साथ इन अन्य अधिकारियों को भी नई तैनाती दी गई है.

पाकिस्तान सेना के मीडिया विभाग इंटर सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशंस (ISPR) की तरफ से बुधवार को रावलपिंडी में जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक असीम मुनीर के अलावा भी पांच अधिकारियों को नई तैनाती दी गई है. इनमें लेफ्टिनेंट जनरल नदीम ज़की को मंगला कोर का कमांडर बनाया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल शाहीन मज़हर को पेशावर कोर का कमांडर तैनात किया गया जबकि लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल अज़ीज़ को जनरल मुख्यालय में मिलिटरी सेक्रेटरी बनाया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद अदनान को वाइस चीफ आफ जनरल स्टाफ़ (VCGS) तैनात किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल वसीम अशरफ महानिरीक्षक शस्त्र (IG, Arms) बनाये गये हैं.

पाकिस्तान में सेना की अहमियत :

1947 में गठन के बाद से अब तक के बरसों में 50 फीसदी से ज्यादा वक्त तक पाकिस्तान में सेना ही सत्ता पर काबिज़ रही है जिसकी वजह से उसका हमेशा ही सरकारों के फैसलों पर प्रभाव रहा है. वहीँ दूसरे देशों से ताल्लुकात की नीति को आईएसआई प्रभावित करती रही है. सैन्य अधिकारियों की नई तैनातियों को इस नजरिये से भी अहमियत दी जा रही है.