डोर्नियर एयरक्राफ्ट पर नौसेना की महिला पायलटों का पहला बैच तैयार

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पहले बैच की तीन महिला पायलट लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, लेफ्टिनेंट शिवानी और लेफ्टिनेंट शुभांगी श्रीरूप.

भारतीय नौसेना की कोच्चि स्थित दक्षिणी कमान (एसएनसी) ने डोर्नियर एयरक्राफ्ट पर नौसेना की महिला पायलटों का पहला बैच तैयार कर लिया है. तीनों महिला पायलट 27वीं डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग (डीओएफटी -DOFT) कोर्स के उन छह पायलटों में शामिल थीं, जिन्होंने 22 अक्टूबर 2020 को आईएनएस गरुड़ कोच्चि में आयोजित एक पासिंग आउट समारोह में ‘फुल ऑपरेशनल मैरिटाइम रिकॉइनेस (एमआर) पायलट’ के रूप में स्नातक डिग्री हासिल की थी.

दक्षिणी कमान के चीफ स्टाफ ऑफिसर (ट्रेनिंग) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने उन पायलटों को पुरस्कार प्रदान किए, जो अब सभी परिचालन मिशनों के लिए डॉर्नियर विमान संचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. पहले बैच की तीन महिला पायलटों में लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा (मालवीय नगर नई दिल्ली से), लेफ्टिनेंट शुभांगी श्रीरूप (तिलहर उत्तर प्रदेश से) और लेफ्टिनेंट शिवानी (मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार से) ताल्लुक रखती हैं.

दक्षिणी कमान के चीफ स्टाफ ऑफिसर (ट्रेनिंग) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने पायलटों को पुरस्कार प्रदान किए.

इन महिला अधिकारियों ने शुरुआत में आंशिक रूप से भारतीय वायु सेना के साथ और डीओएफटी पाठ्यक्रम से पहले कुछ समय के लिए नौसेना के साथ उड़ान प्रशिक्षण शुरू किया था. एमआर फ्लाइंग के लिए चुनी जाने वाली तीन महिला पायलटों में लेफ्टिनेंट शिवांगी 02 दिसंबर 2019 को नौसेना पायलट के रूप में अर्हता प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं.

इस कोर्स में एक महीने की ग्राउंड ट्रेनिंग चरण शामिल था, जिसे दक्षिणी नौसेना कमान के विभिन्न व्यावसायिक स्कूलों में आयोजित किया गया था और आईएनएएस 550 पर दक्षिणी कमान के डोर्नियर स्क्वाड्रन में आठ महीने की फ़्लाइंग ट्रेनिंग भी की गई. लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा और लेफ्टिनेंट शिवम पांडे को क्रमशः ‘उड़ान में प्रथम’ और ‘ज़मीनी कार्रवाई में प्रथम’ चुना गया.

लेफ्टिनेंट कुमार विक्रम को ‘सबसे उत्साही प्रशिक्षु’ चुना गया और उन्हें लेफ्टिनेंट साइमन जॉर्ज पाइनोमूटिल की स्मृति में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (दक्षिण) रोलिंग ट्रॉफी दी गई. इस ट्रॉफी की शुरुआत 18 जून 2019 को आईएनएएस 550 के डायमंड जुबली समारोह के दौरान की गई थी. यह शुरुआत साइमन जॉर्ज के बलिदान को अमर बनाने के लिए थी, जो एक योग्य आइलैंडर पायलट थे. उन्होंने 17 मई 1985 को स्क्वाड्रन की सेवा करते हुए एक घातक हवाई दुर्घटना में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.

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