भारतीय वायु सेना की पहली अधिकारी विंग कमांडर विजयलक्ष्मी रमणन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. फौजी पिता की सन्तान और फौजी अधिकारी की पत्नी विजयलक्ष्मी रमणन (Wing Commander Vijayalakshmi Ramanan) ने 18 अक्टूबर को 96 साल की उम्र में बंगलुरु में आखिरी सांस ली. वह यहाँ अपनी बेटी सुकन्या के साथ रह रही थीं. 24 साल वायुसेना की सेवा में रत रहीं बहुप्रतिभावान शख्सियत विंग कमांडर रमणन को भारतीय वायुसेना की महिला अधिकारियों की वर्दी डिज़ायन करने का श्रेय भी जाता है.
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27 फरवरी 1924 को मद्रास (अब चेन्नई) में जन्मी विजयलक्ष्मी के पिता टी डी नारायणन ने प्रथम विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया था. वह भी पेशे से डॉक्टर थे और बाद में मद्रास के स्वाथ्य अधिकारी भी रहे. विजय लक्ष्मी रमणन ने 1943 में मद्रास मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई की और प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ बनीं. सेना में भर्ती होने से पहले वह मद्रास में ही सर्जन के तौर पर काम कर रही थीं.
शुरू में डर लगा :
उनके बारे में कुछ बातें बेहद ख़ास और चर्चित हैं. विंग कमांडर विजयलक्ष्मी रमणन ने एक बार कहा था कि शुरूआती कुछ साल तक उन्हें भारतीय वायुसेना में काम करते डर लगता रहा क्यूंकि वायुसेना में तमाम पुरुष अधिकारी थे और वह अकेली महिला अधिकारी थीं. रमणन ने कहा कि उन्होंने खुद की हिम्मत बढ़ाई और खुद से वह अपने आप से कहती थीं कि मैं ये कर सकती हूँ.
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प्रतिभा की धनी :
क्यूंकि जब विंग कमांडर विजयलक्ष्मी ने 1955 में आर्मी मेडिकल कोर में शार्ट सर्विस कमीशन के ज़रिये आमद की तब वायुसेना में कोई अधिकारी थी ही नहीं इसलिये महिला अधिकारी की वर्दी भी निश्चित नहीं थी. विजयलक्ष्मी ने तब वायुसेना के रंग वाली साड़ी और ब्लाउज वाली वर्दी सिलवाई. यही नहीं विजयलक्ष्मी को गीत संगीत का शौक ही नहीं था बल्कि वह एक प्रशिक्षित शास्त्रीय संगीतज्ञ थीं. बतौर कलाकार वह बचपन से ही आल इण्डिया रेडियो से जुड़ी हुई थीं. 15 साल की उम्र में विजयलक्ष्मी रेडियो की ‘ए ग्रेड आर्टिस्ट’ थीं और उनका प्रसारण दिल्ली, लखनऊ, सिकंदराबाद और बंगलौर (अब बंगलुरु) से सुना जाता जाता था.
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राष्ट्रपति से सम्मान :
सेना के अस्पतालों में बतौर स्त्रीरोग विशेषज्ञ काम करने के अलावा उन्होंने 1962 , 1965 और 1971 के युद्धों में भी सैनिकों की चिकित्सीय सेवा की थी और 26 जनवरी 1977 को राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी के हाथों से उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) मिला था. 1971 में उन्हें भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला था. 1979 में वह रिटायर हुईं. उनके पति के वी रमणन भी वायुसेना में अधिकारी थे. बेटी सुकन्या के अलावा परिवार में उनका पुत्र सुकुमार भी है.