सेना में भर्ती कराने के नाम पर युवकों को ठगने वालों का एक और हथकंडा

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सेना में भर्ती के नाम पर ठगी
यही है वह नकली कर्नल अभिमन्यु शर्मा जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

नौजवानों को भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगने वाला एक ऐसा शख्स पुलिस के हत्थे चढ़ा है जो बेहद शातिराना अंदाज़ से ये धंधा कर रहा था. उसने अपने शिकारों को भरोसे में लेने के लिए हथकंडे भी ऐसे अपनाए हुए थे कि किसी को जल्दी से उस पर शक नहीं होता था. इसका असली नाम है अमित शर्मा लेकिन लोगों को अपना परिचय भारतीय सेना में सेवारत कर्नल अभिमन्यु शर्मा के तौर पर देता है. उसे दिल्ली में तब पकड़ा गया जब वह दिल्ली में सैन्य परिसर में घुसने की कोशिश कर रहा था.

अमित उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के पाश इलाके शास्त्री नगर का रहने वाला है. शुक्रवार की शाम उसे सेना भवन के सामने डीआरडीओ के सामने से पकड़ा गया. उस वक्त वो भारतीय थल सेना के अधिकारी की वर्दी पहने हुआ था. साथ में ड्राइवर सोनू सिंह, पत्नी हरजीत कौर और संदीप नाम का एक अन्य शख्स भी था. अमित ने कर्नल होने की अपनी पहचान साबित करने के लिए पहचान पत्र (आइडेंटिटी कार्ड) भी बना रखा था. शक होने पर वहां तैनात सैन्यकर्मी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया और फिर पुलिस उसे साथ ले गई. उसके साथ दरअसल जो तीसरा शख्स संदीप था, उससे ही इस नकली कर्नल ने सेना में भर्ती करने के नाम पर ढाई लाख रुपये लिए थे. और संदीप को भरोसा दिलाने के लिए कि वह असली अधिकारी है, अमित उसे वहां ले गया था. छानबीन में पुलिस को पता चला कि इस गोरखधंधे में उसकी पत्नी तो शामिल थी लेकिन ड्राइवर नहीं. लिहाज़ा ड्राइवर सोनू को छोड़ दिया गया. अमित व हरजीत के खिलाफ साउथ एवेन्यू में मामला दर्ज किया गया है.

पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि सेना की वर्दी उसने दिल्ली कैंट में गोपीनाथ बाज़ार से खरीदी थी. यही हथकंडा अपनाकर वह दो बार डीआरडीओ दफ्तर में घुसने में कामयाब भी रहा. लिहाज़ा जो युवक भी तब उसके साथ गये, उन्हें उसके असली कर्नल होने पर यकीन हो गया था. अभी ये पता लगाया जा रहा है कि अमित किस किस को और कैसे ठग चुका है.