भारतीय सेना : जहां मदद की कोई भी पुकार अनसुनी नहीं जाती

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अखनूर के बल्ले दा बाग में बाढ़ में फंसे लोगों को सेना ने बचाया
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने , भूस्खलन जैसे आपदाओं के साथ  जम्मू कश्मीर  और  पंजाब में बाढ़ के प्रकोप से हो रही तबाही के बीच कुछ तस्रवीरें ऐसी भी आती हैं जो उम्मीद बंधाती है, मुस्कराहट लाती हैं . यह तस्वीरें भी उन्हीं में से हैं जो जम्मू कश्मीर के अखनूर के बल्ले दा बाग इलाके से आई हैं .
अखनूर के बल्ले दा बाग में बाढ़ में फंसे लोगों को सेना ने बचाया
अखनूर में जब चिनाब नदी ऊफान पर थी, बाढ़ का पानी बढ़ गया था और चारों तरफ डर फैल गया था. ऐसे में  भारतीय सेना ( indian army ) के जवान आगे बढ़े और एक पूरे समुदाय को सुरक्षित बचा लिया.
 जवानों की बाहों  में नवजात थे.  उनके कंधों पर बूढ़े थे.  कीचड़ और तेज़ बहाव में आगे बढ़ते हुए सैनिक परिवारों को गले लगाए हुए थे.
अखनूर के बल्ले दा बाग में बाढ़ में फंसे लोगों को सेना ने बचाया

वर्दी में जो  सैनिक जो देश की सीमाओं के रक्षक हैं . संकट में हर जीवन के रक्षक बन जाते हैं.

यह तस्वीरें  हर उस सैनिक के जज्बे को सलाम करने के लिए हैं  जो सेवा को स्वयं से पहले रखता है.