चीन सीमा पर तैनात सैनिकों से मिले सेनाध्यक्ष जनरल नरवणे

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भारत के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी लदाख के अग्रिम मोर्चे का दौरा कर जमीनी हकीकत का जायजा लिया.

भारत की सीमाओं के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों की हौसला आफजाई के लिए भारत के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीनी सैनिकों से भिड़ंत करने वाले फौजियों से मुलाकात की. अपने दो दिन के लदाख दौरे के पहले दिन मंगलवार को जनरल नरवणे अस्पताल में इलाज करवा रहे उन घायल सैनिकों से मिले जो 15 जून को गलवान घाटी में चीनियों से खूनी संघर्ष में शामिल थे. फिर झड़प वाली जगह पर पहुँचकर सेना प्रमुख ने वहां तैनात सैनिकों से मुलाक़ात की.

ये जवान भारतीय सेना की उस 14 कोर के हैं जिसे 21 साल पहले पाकिस्तान से करगिल युद्ध के दौरान, खासतौर से 12 से 14 हज़ार फुट के ऊंचाई वाले सर्द और दुर्गम इलाकों में सीमा की रक्षा के लिए गठित किया गया था.

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह अस्पताल में घायलों का हाल जाना.

भारतीय सेना जनरल नरवणे के अग्रिम मोर्चे के दौरे का ज़िक्र करते हुए ट्वीट किया है कि सेना प्रमुख ने पूर्वी लदाख का दौरा करके वहां के जमीनी हालात देखे और उनकी समीक्षा की. जनरल नरवणे ने सैनिकों के ऊँचे मनोबल की सराहना की और उनके पूरे जोशो-खरोश के साथ लगातार डटे रहने का आह्वान किया.

उल्लेखनीय है कि भारत चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 जून की रात को हुई झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 फौजियों की जान गई थी और कई घायल हुए थे. तकरीबन 45 चीनी सैनिकों के भी इसमें हताहत होने की सूचनायें आई थीं लेकिन इसकी अभी तक चीन ने पुष्टि नहीं की है. इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर तैनाती बढ़ी और साथ ही तनाव भी बढ़ा. फलस्वरूप भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी -LAC) पर हथियार चलाने पर रोक सम्बन्धी नियम भी अपने स्तर पर बदल डाला.