मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ कोर्ट मार्शल पूरा, सजा का ऐलान बाकी

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मेजर लीतुल गोगोई
सेना की 53 आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) के मेजर लीतुल गोगोई (फाइल फोटो)

एक पत्थरबाज को ढाल बनाकर सुर्खियों में आये मेजर लीतुल गोगोई (Major Leetul Gogoi) के खिलाफ एक स्थानीय महिला के साथ स्थानीय होटल में देखे जाने के मामले में जारी कोर्ट मार्शल की कार्यवाही पूरी हो चुकी है. लेकिन अभी सजा नहीं सुनाई गई है. बताया जाता है कि यह सजा उनको सेवामुक्त किए जाने से लेकर उनकी वरिष्ठता घटाए जाने तक हो सकती है. होटल प्रकरण में शामिल उनके ड्राइवर समीर मल्ला के खिलाफ भी कोर्ट मार्शल की कार्यवाही समाप्त हो चुकी है. समीर पर आरोप है कि वह बिना इजाजत यूनिट से गायब था.

गौरतलब है कि बडगाम जिला स्थित सेना की 53 आरआर में तैनात मेजर लीतुल गोगोई ने 23 मई 2018 को श्रीनगर स्थित डल झील से लगे डलगेट खनयार इलाके में स्थित होटल ग्रैंड ममता में आनलाइन कमरा बुक किया था. मेजर के साथ ड्राइवर समीर और एक युवती भी थी. मेजर लीतुल गोगोई सादे लिबास में थे. इससे गलतफहमी हुई. कमरा सैन्य अधिकारी के नाम से बुक था और लीतुल सादे वेश में थे इसलिए होटल के रिसेप्शन में मौजूद कर्मी ने उन्हें स्थानीय युवती के साथ कमरे में जाने से मना कर दिया. यहीं विवाद शुरु हुआ.

पुलिस को खबर दी गई. पुलिस पहुंची और तीनों को थाने ले आई. पूछताछ और अन्य कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने सैन्य अधिकारी को उसकी यूनिट के हवाले कर दिया. युवती ने पुलिस को बताया था कि वह बालिग है. उसे जबरन नहीं लाया गया था. उसने बताया था कि वह मेजर लीतुल गोगोई की दोस्त है. वह अक्सर उनके साथ घूमने जाती थी.

इस प्रकरण के सामने आने के बाद सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सख्ती दिखाई और 25 मई 2018 को सेना प्रशासन ने कोर्ट आफ इंक्वायरी (COI) बिठा दी. मेजर लीतुल गोगोई को उनकी यूनिट 53 आरआर से हटाकर चिनार कोर मुख्यालय में अटैच कर दिया गया.

अगस्त 2018 को वह कोर्ट आफ इंक्वायरी में वह दोषी पाए गए. उन्हें स्थानीय युवती के साथ मेल-मिलाप बढाने और आपरेशनल एरिया के लिए निर्धारित स्टैंडर्ड आपरेशनल प्रोसीजर के उल्लंघन का दोषी पाया गया. इसके बाद उनके खिलाफ समरी आफ एविडेंस की कार्यवाही शुरु की गई. यह तीन माह चली. उसके बाद इसी साल फरवरी में कोर्ट मार्शल शुरु हुआ.