भारत के सभी सैनिक स्कूल में लड़कियों को भी दाखिला देने के बन्दोबस्त होंगे

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हरियाणा के करनाल जिले में कुंजपुरा के सैनिक स्कूल में सैनिक स्कूल के प्राचार्यों के 48 वें सम्मेलन में रक्षा राज्यमंत्री डाक्टर सुभाष भामरे. फोटो : पीआईबी

भारत के सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी भर्ती करने के लिए इंतजाम करने होंगे और ये सभी सैनिक स्कूल के लिए लागू होगा. भारत के रक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे ने अखिल भारतीय सैनिक स्कूल (AISS) के प्राचार्यों के सम्मेलन में ये बात कही. ये सम्मेलन आज हरियाणा के करनाल जिले में कुंजपुरा के सैनिक स्कूल में शुरू हुआ जिसका उद्घाटन रक्षा राज्यमंत्री डाक्टर सुभाष भामरे ने किया. सैनिक स्कूल के प्राचार्यों का ये 48 वां सम्मेलन है.

रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के नामांकन की चर्चा करते हुए बताया कि सरकार ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश देने का क्रांतिकारी निर्णय लिया है और लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है. डॉ भामरे ने सभी सैनिक स्कूलों में आवश्यक संरचना विकसित करके इस नीति को शीघ्र लागू करने पर बल दिया. रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने आश्वासन दिया कि सरकार सैनिक स्कूलों के कर्मियों के लिए सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के यूपी सैनिक स्कूल ने इसी साल छात्राओं के लिए अपने दरवाज़े खोले हैं लेकिन यहाँ जो 15 छात्राएं भर्ती की गई हैं वो 9 कक्षा की हैं जबकि लड़कों को 7 वीं कक्षा से ही यहाँ दाखिला दिया जाता है. देश के 28 सैनिक स्कूल और 5 मिलिटरी स्कूलों में से लड़कियों के लिए वर्ष 2018 – 19 सत्र के लिए दाखिले की शुरुआत करने वाला ये पहला स्कूल है.

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लखनऊ के यूपी सैनिक स्कूल ने इसी साल छात्राओं के लिए अपने दरवाज़े खोले हैं. फोटो साभार : Hindustan Times

इस अवसर पर, रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने प्राचार्यों की नेतृत्व क्षमता तथा अच्छी संख्या में कैडेटों को प्रतिष्ठत राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भेजने पर उनकी सराहना की. डॉ. भामरे ने कहा कि सैनिक स्कूल जनसाधारण के बच्चों के लिए गुणवत्ता सम्पन्न पब्लिक स्कूल शिक्षा का द्वार खोल रहे हैं, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के सहायक संस्थान के रूप में सेवा दे रहे हैं और सशस्त्र बलों के अधिकारी संवर्ग में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर कर रहे हैं. डॉ. सुभाष भामरे ने इन तीनों कसौटियों पर स्कूलों के अच्छे प्रदर्शन पर संतोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन नीति संबंधी विषयों और देश में सैनिक स्कूलों के कामकाज की समीक्षा पर फोकस करेगा.

रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने कहा कि देश में सैनिक स्कूलों की मांग बढ़ रही है और सरकार की योजना नये स्कूल स्थापित करने की है. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में दो नये सैनिक स्कूल राजस्थान के झुंझुनुं में और पूर्वोतर के राज्य अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सियांग में स्थापित किये जा रहे हैं. डा. भामरे ने कैडेटों को आधुनिक शिक्षा प्रदान देने और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के मुताबिक़ ढालने की ज़रूरत पर जोर दिया.

रक्षा राज्य मंत्री डॉ भामरे ने हाल में सम्पन्न बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में उठाये गये कई अहम कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने हर साल बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक सुनिश्चित करने और स्कूलों तथा उनके कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर सभी हितधारकों द्वारा विशेषकर राज्य सरकारों द्वारा विचार विमर्श करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य और स्कूलों के बीच घनिष्ठ सहयोग होगा. रक्षा राज्य मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के सुजानपुरा तीरा के सैनिक स्कूल के प्राचार्य को प्रतिष्ठित रक्षा मंत्री ट्रॉफी प्रदान की. सैनिक स्कूलों ने इस वर्ष राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 140वें पाठ्यक्रम के लिए 105 कैडेट भेजे हैं.