‘इस हवाई जहाज़ में भारतीय सेना के उन बहादुर मेजर मुकुंद वरदराजन का पार्थिव शरीर है जिन्होंने आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहादत पाई’. शहीद सैनिक के सम्मान स्वरूप फ्लाइट में ऐसी घोषणा करने का अनुरोध भारतीय सेना के उस अधिकारी ने हवाई जहाज़ के चालक दल से किया जो मेजर मुकुंद वरदराजन के पार्थिव शरीर के साथ था लेकिन चालक दल ने ऐसी घोषणा करने से मना कर दिया और इसके पीछे विमानन नियमों की दलील दी.
जिन मेजर मुकुंद वरदराजन का यहाँ ज़िक्र किया गया है उनकी शहादत भारत के आतंकवाद प्रभावित राज्य जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान हुई थी. उनका पार्थिव शरीर श्रीनगर से दिल्ली और फिर चेन्नई में उनके घर ले जाया जाना था.
श्रीनगर से दिल्ली जा रहे एयर इंडिया के विमान में हुई इस घटना का ज़िक्र करते हुए कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य राजीव चन्द्रशेखर ने एयर इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा और इस बारे में जवाब चाहा. पत्र में सांसद ने लिखा कि मेजर मुकुंद वरदराजन ने देशवासियों की खातिर अपनी जान की कुर्बानी दी लेकिन जिस अफसरी लहज़े से चालक दल ने उत्तर दिया वह दुखद और शर्मनाक था और जिससे ये संदेश जाता है कि एयर इंडिया वीरों और वीरांगनाओं की परवाह और इज्ज़त नहीं करता.
ये घटना 28 अप्रैल 2015 की है यानि तकरीबन साढ़े तीन साल पुरानी. शायद इससे सबक का नतीजा है या सशस्त्र बलों की तरफ से भेजे गये पत्रों का नतीजा या फिर सरकारी तंत्र अब अचानक जागा. वजह जो भी लेकिन अब, भारत की विमानन नियामक एजेंसी नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस को निर्देश दिए हैं कि अगर शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर फ्लाइट से ले जाया जा रहा हो तो सम्मान के तौर पर पायलट इसकी घोषणा करे. सप्ताह भर पहले इस बाबत तमाम एयरलाइंस प्रबंधकों को सूचित किया गया है और ये भी बताया गया है कि इस घोषणा को करते वक्त किस तरह की भाषा और शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
हवाई जहाज़ का पायलट शहीद के पार्थिव शरीर के बारे में उद्घोषणा अंग्रेज़ी या हिंदी में करते वक्त बतायेगा कि शहीद सुरक्षाकर्मी किस फ़ोर्स से ताल्लुक रखता है, साथ ही शहीद सैनिक के नाम, पद और उस घटना के बारे में भी संक्षिप्त ब्योरा देगा जिसमें सैनिक ने प्राण त्यागे.
फ्लाइट में शहीद के पार्थिव शरीर को ले जाते वक्त सम्मान देने से सम्बन्धित विषय पहले भी चर्चा में आया था और सुर्खियाँ बना. इसी दौरान एक प्रस्ताव ये भी था कि फ्लाइट में शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर की उपस्थिति की घोषणा करने के साथ ही हवाई जहाज़ के यात्रियों को 30 सेकंड का मौन धारण करने का अनुरोध भी किया जाये लेकिन इस प्रस्ताव को उचित नहीं समझा गया.
वैसे शहीद सुरक्षाकर्मियों के पार्थिव शरीर को उड़ान शुरू होने से पहले और उड़ान की समाप्ति पर हवाई अड्डे पर सम्मान देने के नियमों का पहले से ही भारत में पालन किया जाता है. शव को निश्चित ऊँचे स्थान पर रखा जाता है और पुष्पांजलि अर्पित की जाती है.
अमेरिका में सैनिक के शरीर को ले जाते वक्त न सिर्फ इस बाबत घोषणा की जाती है, सम्मान स्वरूप उस हवाई जहाज पर पानी की बौछार भी की जाती है जिसमें शहीद का पार्थिव शरीर हो.