साकार हुआ आईपीएस अधिकारी रॉबिन हिबू का बचपन से चल रहा सपना

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रॉबिन हिबू
रॉबिन हिबू.

कंधे पर चमचमाते भारत के राष्ट्रीय चिन्ह तीन शेर वाला अशोक स्तम्भ और उसके नीचे क्रॉस आकार में बैटन और तलवार. यानि पुलिस महानिदेशक या सेना के जनरल की वर्दी. होश सम्भालते ही, अपने दोनों कंधों पर ऐसी वर्दी होने का सपना पालकर, चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज़ के गाँव से राजधानी दिल्ली आये उस नौजवान का सपना साकार हो गया जो अपने राज्य का पहला आईपीएस अधिकारी है. नाम है रॉबिन हिबू.

भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एजीएमयूटी कैडर के 1993 के अधिकारी रॉबिन हिबू 2017 से अभी तक भारत के प्रथम नागरिक की सुरक्षा का ज़िम्मा सम्भाल रहे थे. राष्ट्रपति भवन में संयुक्त आयुक्त (ज्वाइंट कमिश्नर) के ओहदे पर तैनात रहे रॉबिन हिबू अब दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर बनाये गये हैं. गृह मंत्रालय से उनकी तरक्की सम्बन्धी आदेशों की सूचना 28 दिसम्बर को जारी हुई जिसमें कहा गया है कि रॉबिन हिबू अब अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत किये गये हैं.

हर समय मुस्कराहट के साथ आगंतुकों का स्वागत करने वाले रॉबिन हिबू कहते हैं कि ये सपना मैं गाँव से लेकर चला था जो एनसीसी में एयर विंग के कैडेट के रहते और फिर दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के साथ साथ एनएसएस के वालंटियर के दौर के दौरान भी देखता रहता था. 50 वर्षीय आईपीएस अधिकारी रॉबिन हिबू कहते हैं कि वह पुलिस करियर के आने वाले 10 देश सेवा के साथ साथ पूर्वोत्तर राज्यों के दूरदराज ग्रामीण इलाकों से शहरों में आने वाले नौजवानों के कल्याण में समर्पित करना चाहता हूँ.

अरुणाचल प्रदेश के एक गरीब और साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रॉबिन हिबू का शुरूआती जीवन बेहद संघर्षमय रहा है. इसी के मद्देनजर उन्होंने पूर्वोतर राज्यों से दिल्ली और महानगरों में आने वालों की मदद और कल्याण के लिए हेल्पिंग हैण्ड नाम की संस्था की शुरुआत की है. ये संस्था उन राज्यों से पलायन करने वाले लोगों की मदद के साथ उनके बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में भी हर तरह की मदद करती है. खासतौर से उन युवाओं को जो विभिन्न तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.