वीके भवरा पंजाब पुलिस के प्रमुख नियुक्त, 3 माह में तीसरे डीजीपी

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पंजाब पुलिस
पंजाब के पुलिस महानिदेशक वीरेश कुमार भवरा

भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के पंजाब के फिरोज़पुर दौरे के वक्त आन्दोलनरत किसानों के रास्ता जाम करने से उठे विवाद के फ़ौरन बाद और राज्य में राजनीतिक उथल पुथल के साथ साथ विधान सभा चुनाव के ऐलान से चंद घंटे पहले ही पंजाब के नये पुलिस प्रमुख का नाम घोषित किया गया. भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी वीरेश कुमार भवरा (वी के भवरा) को अब पंजाब पुलिस की कमान सौंपी गई है. श्री भवरा को पंजाब पुलिस के महानिदेशक के तौर पर तैनात करने का ऐलान राज्य सरकार ने शनिवार (8 जनवरी 2021) को किया. पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत भारत के 5 राज्यों में विधान सभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद सरकार के लिए इस तरह का फैसला लेना मुश्किल भरा हो सकता था.

भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी वी के भवरा अभी तक पंजाब होम गार्ड्स के महानिदेशक थे. आईपीएस अधिकारी श्री भवरा से पहले आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कार्यकारी महानिदेशक के तौर पर पंजाब पुलिस के प्रमुख की कुर्सी सम्भाल रखी थी. पंजाब में तीन महीने के अन्दर पुलिस प्रमुख के स्तर पर हुआ ये तीसरा बदलाव है.

आईपीएस अधिकारी वी के भवरा का नाम उन तीन अधिकारियों के पैनल में से लिया गया है जो पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने कुछ दिन पहले ही बनाकर राज्य सरकार को भेजा था. पंजाब पुलिस का नियमित प्रमुख नियुक्त किये जाने के लिए बने पैनल में श्री भवरा के अलावा आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता और प्रबोध कुमार का नाम था. कांग्रेस शासित पंजाब राज्य में सत्ता परिवर्तन के दौरान कुर्सी से हटाए गए कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी समझे जाने दिनकर गुप्ता को भी नये मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के आने के फ़ौरन बाद पद से हटा दिया गया था और नियमित पुलिस प्रमुख की नियुक्ति न होने तक श्री चट्टोपाध्याय को पंजाब का डीजीपी बना दिया गया था.

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के पंजाब में दौरे के वक्त उनका रास्ता रुकने को सुरक्षा के लिए खतरे से जोड़कर प्रचारित किये जाने से उठे विवाद के बाद मामले को लेकर जो जांच शुरू हुई उनमें जिन 13 पुलिस व नागरिक प्रशासन के अफसरों से पूछताछ हुई, चट्टोपाध्याय भी उनमें से एक थे. ये घटना पंजाब के फिरोज़पुर की है.

प्रधानमन्त्री पंजाब में कुछ अहम परियोजनाओं की शुरुआत करने और रैली को सम्बोधित करने के लिए पंजाब के दौरे पर गये थे. मौसम खराब होने के कारण वायुमार्ग के बजाय उनका सडक मार्ग से जाना तय हुआ. पुलिस महानिदेशक ने रूट को हरी झंडी दिखाई थी. जिस रूट पर उनकी गाड़ियों का काफिला निकला, उस रास्ते पर एक पुलिया के आगे किसानों ने रास्ता रोक रखा था. जिसकी सूचना एसपीजी को नहीं थी. इस कारण प्रधानमन्त्री मोदी के काफिले को 20 मिनट पुलिया पर ही रुकना पड़ा. रास्ता पंजाब पुलिस द्वारा न खुलवा पाने के कारण श्री मोदी के सुरक्षा काफिले को गाडियां वापस घुमाकर लौटना पड़ा. इसके बाद ये मामला तूल पकड़ता गया.

इससे पहले पंजाब सरकार ने श्री चट्टोपाध्याय समेत 10 आईपीएस अधिकारियों के नाम उस तीन पात्र अधिकारियों के पैनल में शामिल करने के लिए भेजे थे जिनमें से किसी एक को राज्य का पुलिस प्रमुख नियुक्त किया जाता. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई इस प्रक्रिया में ये नियुक्ति दो साल के लिए की गई है.