कई सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने की प्रेरणा बनी फौजी पिता की फौजी बेटी निगार जोहर पाकिस्तानी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल का ओहदा सम्भालने वाली पहली महिला हैं. यही नहीं मेजर जनरल के ओहदे से तरक्की देने के साथ साथ निगार जोहर को पाकिस्तान आर्मी का सर्जन जनरल भी नियुक्त किया गया है. बतौर डॉक्टर, सैन्य जीवन में कई उपलब्धियों के लिए लोकप्रिय पाकिस्तान की ये बेटी सर्जन जनरल बनने वाली भी पहली महिला अधिकारी है. पाकिस्तान के सैन्य इतिहास में अपनी जगह हमेशा के लिए बना लेने वाली इस उपलब्धि के कारण लेफ्टिनेंट जनरल निगार जोहर अब एक सेलेब्रिटी भी बन गई हैं. इस ओहदे पर पहुंचने उनकी खबर और तस्वीरें वायरल हो रही हैं. वहीं सोशल मीडिया पर भी उन्हें बधाई देने का तांता लगा हुआ है. लोग इसे पाकिस्तान आर्मी और पाकिस्तान की तमाम महिलाओं के लिए फख्र के सुनहरे पल की तरह देख और प्रचारित कर रहे हैं.

उपलब्धियां, सम्मान और फख्र :
1985 में रावलपिंडी के आर्मी मेडिकल कॉलेज से स्नातक होने के बाद निगार जोहर आर्मी मेडिकल कोर में शामिल हुईं थीं और दक्षिण एशिया के उस सबसे बड़े सैन्य अस्पताल ‘पाकिस्तान अमीरात मिलिटरी अस्पताल’ (पीईएमएच-PEMH) के कामयाब प्रबन्धन का श्रेय भी उनको दिया जाता है जहां रोज़ाना 7000 से ज़्यादा मरीज़ तो ओपीडी में ही आते हैं. पुरुष प्रधान सामाजिक व्यवस्था में अपना अलग रुतबा और मुकाम हासिल करने वाली निगार जोहर की क़ाबिलियत का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि कर्नल रैंक के कई पुरुष अधिकारी भी उन्हें पूरे सम्मान के साथ अपना गुरु कहते हुए फ़ख्र महसूस करते हैं. उनको करीब से जानने वाले बताते हैं कि अपना एक लक्ष्य हासिल करने के पहले ही डॉक्टर निगार जोहर अपने लिए उससे भी बड़ी चुनौती तय कर लेती हैं.

सैनिक परिवार :
खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी ज़िले में पंजपीर गाँव के पख्तून परिवार में जन्मी निगार जोहर के पिता कर्नल कादिर भी पाकिस्तान सेना में थे और गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई -ISI ) में तैनात थे लेकिन 1990 में एक कार हादसे में उनकी और उनकी पत्नी, दोनों की ही मौत हो गई थी. निगार जोहर के चाचा मोहम्मद आमिर भी रिटायर्ड मेजर हैं. वह भी आईएसआई में तैनात रहे. निगार जोहर के छोटे भाई शाहिद भी पाकिस्तान की वायुसेना में सेवारत हैं. निगार जोहर के पिता उनके लिए सेना में जाने की प्रेरणा थे तो भाई शाहिद उनके लिए अच्छे दोस्त भी हैं. निगार कहती हैं कि पिता के बाद उन्हें पति जोहर अली खान से भी बहुत हौसला आफज़ाई मिलती रही.

जारी है पढ़ाई :
रावलपिंडी के प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट गर्ल्स हाई स्कूल से 1978 में पढ़ाई पूरी करने के बाद निगार जोहर ने 1981 में आर्मी मेडिकल कॉलेज में दाखिला हासिल किया था और 1985 में यहाँ उनकी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी हुई. इस कॉलेज का ये एमबीबीएस का पांचवां कोर्स था. इसी की आयशा कंपनी की वह महिला कम्पनी कमांडर भी थीं. सेना में भर्ती के बाद भी उनका पढ़ाई का सिलसिला जारी रहा. निगार जोहर ने 2010 में पाकिस्तान के कॉलेज ऑफ़ फिज़िशियंस एंड सर्जन्स की सदस्यता की परीक्षा पास की और इसके दो साल बाद यानि 2012 में आर्म्ड फोर्सेस पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट से चिकित्सा प्रशासन का कोर्स ‘डिप्लोमा इन एडवांस मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन’ किया. यही नहीं इसी संस्थान से 2015 में निगार जोहर ने जन स्वास्थ्य में स्नातकोत्तर की डिग्री भी ली.

सेना में करियर :
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता विभाग इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशंस (ISPR) की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक़ 30 जून 2020 को मेजर जनरल रैंक से तरक्की देकर निगार जोहर को लेफ्टिनेंट जनरल और पाकिस्तान आर्मी का सर्जन जनरल बनाया गया. इससे पहले 9 फरवरी 2017 को उन्हें ब्रिगेडियर से मेजर जनरल तब बनाया गया था जब सेना प्रमुख कमर अहमद बाजवा की अध्यक्षता में आर्मी सलेक्शन बोर्ड की बैठक में 37 ब्रिगेडियर्स को एक साथ तरक्की दी गई थी. तब निगार जोहर के भाई पाकिस्तान एयर फ़ोर्स में एयर कमोडोर थे. लेफ्टिनेंट जनरल निगार जोहर को उसी कॉलेज की प्रिंसिपल बनने का सम्मान भी प्राप्त हैं जहाँ से उन्होंने अपने डॉक्टरी के करियर की शुरुआत की.
