करमबीर सिंह भारतीय नौसेना के अगले प्रमुख होंगे

836
भारतीय नौसेना
वाइस एडमिरल करमबीर सिंह

भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान के वर्तमान प्रमुख वाइस एडमिरल करमबीर सिंह भारतीय नौसेना के अगले प्रमुख होंगे. करमबीर सिंह 31 मई 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा की जगह लेंगे. एडमिरल करमबीर सिंह ऐसे पहले हेलिकॉप्टर पायलट हैं जिन्हें भारतीय नौसेना (Indian Navy) के चीफ का ओहदा मिलेगा.

करमबीर सिंह को भारतीय नौसेना का प्रमुख बनाये जाने का सरकार ने ऐलान कर दिया है लेकिन चीफ के तौर पर उनका नाम तय करते वक्त उनसे वरिष्ठ अधिकारी चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा की वरिष्ठता को नज़रन्दाज़ किया गया है. चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा अंडमान निकोबार कमांड (ANC) के प्रमुख हैं और उन्होंने 1980 में करमबीर सिंह से छह महीने पहले सेना में कमीशन हासिल किया था.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए-NDA) की वर्तमान सरकार के राज में ये दूसरा मौका है जब भारतीय सेना में अधिकारियों की वरिष्ठता को नज़रन्दाज़ करते हुए उनसे जूनियर अधिकारी को कमान सौंपी गई हो. भारतीय सेना के वर्तमान प्रमुख जनरल बिपिन रावत को दिसंबर 2016 में सेनाध्यक्ष नियुक्त करते वक्त दो वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल (प्रवीन बक्शी और पीएम हारिज़) को नज़रन्दाज़ किया गया था.

वाइस एडमिरल बिमल वर्मा के बड़े भाई एडमिरल निर्मल वर्मा 2009 से लेकर 2012 तक भारतीय सेना के प्रमुख रहे हैं. वाइस एडमिरल बिमल वर्मा के दामन पर लगा वो काला दाग उनकी प्रोन्नति में बाधा बना बताया जाता है जिसे 2005 के नेवी वार रूम लीकेज के तौर पर जाना जाता है. उस दौर में वाइस एडमिरल बिमल वर्मा कोमोडोर के तौर पर भारतीय नौसेना के परिचालन के प्रमुख निदेशक थे. वार रूम लीकेज केस के सिलसिले में उन्हें नाराजगी वाली चिट्ठी (डिसप्लेज़र लेटर) भी दिया गया था.

हाल के वर्षों में भारतीय वायुसेना में ये दूसरा मौका है जब किसी अधिकारी को नज़रन्दाज़ करके उससे जूनियर को चीफ बनाया गया.

2014 में एडमिरल डी के जोशी के इस्तीफे के बाद वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा की बजाय रोबिन धोवन को भारतीय वायु सेना का प्रमुख बनाया गया था. ये वो दौर था जब भारतीय वायुसेना के युद्धपोतों की दुर्घटनाएं एक के बाद एक लगातार हो रही थीं जिनकी नैतिक ज़िम्मेदारी एडमिरल जोशी ने ली थी. किसी अधिकारी की वरिष्ठता को दरकिनार जूनियर अधिकारी को सेना प्रमुख बनाने का सिलसिला पुरानी सरकारों के दौर में भी रहा है.