” नहीं , मैंने फ्यूल स्विच बंद नहीं किया .. ” हादसे से पायलटों आखिरी बातचीत

5
लंदन के लिए उड़ा एयर इंडिया का विमान बोइंग 878 ड्रीम लाइनर 12 जून 2025 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ .
भारत के अहमदाबाद शहर  से लंदन के लिए उड़े एयर इंडिया के विमान बोइंग 878  ड्रीम लाइनर ( dreamliner) के हादसे के ठीक एक महीने बाद आई जांच रिपोर्ट में यह महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है .  भारत में दशकों में हुए इस  सबसे भीषण विमानन हादसे की शुरूआती जांच  रिपोर्ट बताती है कि उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद इंजन के ईंधन स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ में बदल गए.  पंद्रह  पन्नों की यह रिपोर्ट विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (aircraft accident investigation bureau-AAIB) की तरफ से  शनिवार तड़के प्रकाशित की गई, जो इस भयानक हवाई हादसे की तफ्तीश कर रहा है.

इस रिपोर्ट के आधार पर प्रसारित समाचार में एनडीटीवी ने बताया है कि  कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए सुना गया, “तुमने ईंधन क्यों बंद किया?”. तब  दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया.

जांच प्रक्रिया के दौरान ‘ कटऑफ ट्रांज़िशन’ ( cut off transition) का बिंदु , 12 जून को 2025 हुई उस दुर्घटना की जटिल पहेली का एक अहम हिस्सा हो सकता है जिसमें 270 लोगों की जान गई.

जैसा कि एन्हांस्ड एयरबोर्न फ़्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) के आंकड़ों से पता चलता है,  लंदन के लिए उड़ान भरते ही  विमान के दोनों इंजनों के स्विच कटऑफ से रन ( CUTT OFF to RUN) में बदल गए. यह ज़ाहिर करता  है कि पायलटों ने हालात संभालने की कोशिश की. 787 ड्रीमलाइनर और अन्य वाणिज्यिक विमानों में एक ही इंजन से उड़ान भरने के लिए पर्याप्त से अधिक शक्ति होती है, और पायलट इस स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “जब विमान उड़ान भर रहा होता है और ईंधन नियंत्रण स्विच को कटऑफ से रन पर ले जाया जाता है, तो प्रत्येक इंजन का पूर्ण प्राधिकरण वाला दोहरा इंजन नियंत्रण (FADEC) स्वचालित रूप से प्रज्वलन और ईंधन प्रवेश के पुनः प्रज्वलन और थ्रस्ट रिकवरी क्रम का प्रबंधन करता है. ” (रिपोर्ट का  मुख्य हिस्सा )

फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR)में  रिकॉर्डिंग कुछ सेकंड बाद ही बंद हो गई.  इसके फ़ौरन बाद, एक पायलट ने मे डे ( MAY DAY) बारे अलर्ट भेजा. एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने कॉल साइन के में पूछताछ की लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला  लेकिन फिर उसने विमान को हवाई अड्डे की सीमा के बाहर दुर्घटनाग्रस्त होते देखा.

ईंधन से पूरी तरह लदा विमान तेज़ी से ऊँचाई खो बैठा और मेडिकल छात्रों के एक छात्रावास से टकरा गया, जहाँ उसमें विस्फोट हो गया, जिससे उसमें सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई और ज़मीन पर लगभग 30 लोग मारे गए. विमान कुल मिलाकर सिर्फ 32 सेकंड के लिए हवा में रहा.

विमान का संचालन कैप्टन सुमित सभरवाल कर रहे थे, जो एक लाइन ट्रेनिंग कैप्टन थे और जिनके पास 8,200 घंटों का उड़ान अनुभव था . उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदरा  भी थे, जिन्होंने 1,100 उड़ान घंटे दर्ज किए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पायलट चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ थे और काफी तजुर्बेकार थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी तरह के साबोटाज  का कोई तत्काल सबूत नहीं है, लेकिन ईंधन स्विच में संभावित खराबी के बारे में संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) की एक ज्ञात सलाह की ओर इशारा किया गया है. इसने मॉडल 737 विमानों के संचालकों की रिपोर्ट के आधार पर एक सूचना बुलेटिन जारी किया कि ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग सुविधा के बिना ही लगाए गए थे. इसमें कहा गया है, “इस चिंता को असुरक्षित स्थिति नहीं माना गया.”

रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है कि उड़ान भरने के एकदम  बाद राम एयर टर्बाइन (Ram Air Turbine ) को तैनात किया गया था, जैसा कि हवाई अड्डे के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था.  इस तब तैनात किया जाता है जब दोहरे इंजन में खराबी हो या पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक या हाइड्रोलिक खराबी हो.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान वाले स्थान के आसपास परिंदों की  कोई खास गतिविधि नहीं देखी गई. जहाज़  ने हवाई अड्डे की परिधि की दीवार पार करने से पहले ही ऊँचाई खोनी शुरू कर दी थी. यानि कि हवाई अड्डे परिसर की दीवार से उस पार जाने से पहले ही विमान गिरना शुरू हो गया था.

1980 के दशक में, डेल्टा एयरलाइन्स इंक के एक पायलट ने गलती से बोइंग 767 के इंजन का ईंधन बंद कर दिया था, जिसे वह उड़ा रहा था.  लेकिन उस स्थिति में, वह उन्हें फिर से चालू करने में सफल रहा क्योंकि विमान आसमान में ऊँचा था, जिससे कोई दुर्घटना टल गई.