भारतीय सुरक्षा बलों और पुलिस के शहीदों की बेटियों की शादी का खर्च भी उठाएगी ये संस्था

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'एक शाम शहीदों के नाम'
'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री आरके सिंह शहीद के परिजन को सम्मानित करते हुए. साथ में गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर और ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल सिंह ठाकुर. Source/ Anil Mishra

भारत के विभिन्न सुरक्षा बलों और पुलिस संगठनों के शहीद जवानों के ज़रूरतमंद परिवारों की मदद के लिए राजधानी दिल्ली की संस्था श्री गीता जयंती समारोह समिति ने नई पहल का ऐलान किया है. अगस्त क्रांति दिवस पर ‘एक शाम शहीदों के नाम’ से आयोजित इस कार्यक्रम में ऐसे 21 शहीदों के परिवारों को सम्मानित करते हुए घोषणा की गई कि समिति शहीदों के ज़रूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह पर होने वाले खर्च का ज़िम्मा भी लेती है.

ऐसे किया सम्मान :

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‘एक शाम शहीदों के नाम’ : शहीद के परिजन का सम्मान. Source/Anil Mishra

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया के सभागार में भावुक पलों के बीच सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में देश में अलग अलग कोने से 21 शहीदों के परिवारजनों के अलावा मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर थे जबकि विशेष अतिथियों में मेजर जनरल (रिटायर्ड) गगन दीप बख्शी और ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल सिंह ठाकुर शामिल हुए. भारतीय थलसेना के अलावा केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के साथ साथ दिल्ली और हरियाणा पुलिस के शहीद जवानों के परिवारों को यहाँ आमंत्रित किया गया था. हरेक परिवार को सम्मान स्वरुप प्रतीक चिन्ह, शाल और 31 हजार रूपये का चेक भेंट किया गया.

देशभक्ति और भावुक पल :

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‘एक शाम शहीदों के नाम’ : कार्यक्रम स्थल का विहंगम दृश्य. Source/Anil Mishra

देशभक्ति के रंग में सराबोर इस कार्यक्रम में ऐसे कई भावुक पल आये जब आयोजक, दर्शक और विशेष अतिथि भी अलग अलग तरीके से प्रतिक्रिया किये बिना न रह सके. खासतौर से तब जब दृष्टि बाधित बच्ची अल्विना कुरैशी ने मशहूर गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी…” सुनाया, जब मेजर जनरल (रिटायर्ड) गगन दीप बख्शी ने अपने बड़े फौजी भाई की जवानी में युद्ध में हुई शहादत की घटना सुनाई, जब सिपाही मन्दीप सिंह (जिसके साथ पाकिस्तानी आतंकियों ने बर्बरता की थी और जिसका शरीर बिना गर्दन के मिला था) के परिवार को मंच पर आमंत्रित किया गया. ऐसे पलों में किसी की आँखें नम हुई तो कभी भारत माता की जय के नारे गूंजे. कुछ ने अल्विना को सम्मान व पुरस्कार स्वरुप नक़द दिया तो किसी ने उसकी आँखों के इलाज का खर्चा करने का वादा किया.

ये रहे आकर्षण का केंद्र :

'एक शाम शहीदों के नाम'
‘एक शाम शहीदों के नाम’ : केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर, मेजर जनरल (रिटायर्ड) गगन दीप बख्शी और ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल सिंह ठाकुर. Source/Anil Mishra

दर्शकों और शहीदों के परिवारों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र मेजर जनरल (रिटायर्ड) गगन दीप बख्शी और ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल सिंह ठाकुर रहे. जनरल बख्शी ने भारतीय सेना में अधिकारियों की रिक्त पड़े 11 हज़ार पदों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना ज़रूरी है. उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध का ज़िक्र किया जब उन्होंने सेना में कमीशन प्राप्त किया था और कोर्स की समाप्ति से तीन महीने पहले ही रणभूमि में भेज दिया गया था. उनकी सेना में ड्यूटी की शुरुआत ही जंग के मैदान में हुई थी.

ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मंडी से इस कार्यक्रम में शिरकत के लिए आये थे. उन्होंने भारतीय सेना की वीरता के संस्मरण सुनाये. विदेश में भारतीय सेना के ‘आपरेशन खुकरी’ में अहम भूमिका निभाने और करगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग की पहाड़ी व टाइगर हिल पर कब्ज़ा करने में अहम रही सेना की 18 ग्रेनेडियर के तब के कमांडिंग अफसर ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर का बेटा भी सेना में अधिकारी है. ब्रिगेडियर ठाकुर ने करगिल में हुई सैनिकों और अधिकारियों की शहादतों का ज़िक्र किया और बताया कि करगिल के प्रभाव से अभी निकले भी न थे कि सेना मुख्यालय से आदेश भेजकर दिल्ली बुलाया गया और तुरंत संयुक्त राष्ट्र के मिशन पर अफ़्रीकी देश में भेज दिया गया जहाँ विद्रोहियों के कब्जे से 200 से ज्यादा बंधक सैनिकों को छुड़ाना था. इनमें ज्यादातर भारतीय सैनिक (58 गोरखा के) थे. ये आपरेशन खुकरी 100 कामयाब रहा था. उन दिनों ठाकुर खुशाल कर्नल थे.

'एक शाम शहीदों के नाम'
‘एक शाम शहीदों के नाम’ : दृष्टि बाधित बच्ची अल्विना कुरैशी ने मशहूर गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी…” सुनाया. कार्यक्रम की एंकरिंग टीवी एंकर पूनम शर्मा ने की. Source/Anil Mishra

बेटियों की खातिर :

श्री गीता जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष राज कुमार भाटी ने बताया कि उनकी संस्था ने सुरक्षा बलों के शहीद जवानों के परिवारों को सम्मानित करने का ये सिलसिला 5 साल पहले शुरू किया था और आज के 21 परिवारों को मिलाकर 100 शहीदों के परिवार सम्मानित किये जा चुके हैं. न सिर्फ इस सिलसिले को आगे जारी रखा जायेगा बल्कि अब ऐसे ज़रूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में भी संस्था सहयोग करेगी ताकि ऐसे परिवारों को महसूस होता रहे कि देश उनके साथ दुःख सुख में खड़ा है. इसके लिए श्री गीता जयंती समारोह समिति रूपरेखा बना रही है और जो कोई चाहे इस संदर्भ में संस्था को वेबसाइट के जरिये या व्यक्तिगत तौर पर सम्पर्क कर सकता है.

ये भी खास :

‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम में केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने भी अपने संबोधन में भारतीय सेना, सुरक्षा बलों और पुलिस संगठनों की तारीफ़ की और समाज में शहीदों के प्रति उदासीनता को चिंताजनक बताया. यही चिंता मेजर जनरल बख्शी की तरफ से थी. कार्यक्रम का संचालन टीवी एंकर पूनम शर्मा ने किया.

आयोजकों ने ‘रक्षक न्यूज डाट इन’ की टीम को ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. ‘एक शाम शहीदों के नाम’ के प्रायोजकों में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के तहत आने वाले उपक्रम – गैस अथारिटी आफ इण्डिया (गेल), ऊर्जा कम्पनी आरईसी, पीएफसी, आयल इण्डिया लिमिटेड थे. इसके अलावा मृदुल फाउंडेशन और नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल भी प्रायोजक रहे.

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‘एक शाम शहीदों के नाम’ : श्री गीता जयंती समारोह समिति के मुखिया राजकुमार भाटी (दाएं)

विशेष उपस्थिति :

‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम में पत्रकार मुकेश कुमार सिंह, राजन सिंह, अंजू ग्रोवर, अनिल मिश्र, राम प्रकाश त्रिपाठी, नवल सागर, प्रवीण विक्रांत, कुरुक्षेत्र के आयूष गुप्ता के साथ साथ ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक मिथुन बर्सले, रियल स्टेट उद्योग से जुड़ी कम्पनी ‘मेक्रोलैंड’ के संस्थापक रवि गोयल, इंटीरियर डिज़ायनर सुश्री चरणजीत कौर, हैश 69 ब्रांड से गारमेंट्स बनाने वाली कंपनी राइट ट्रेक एन्टरप्राइजेज के मनोज वोहरा, डीजी रैंकिंग के विशाल घोष, व्यापार जगत के अशोक शर्मा व सेलेश मोदगिल की मौजूदगी खास थी.

वो 21 जवान जिनकी शहादत को दिल्ली में अगस्त क्रान्ति दिवस पर सलाम किया गया