कर्नल सिंह की जगह ईडी को मिलेगा नया बॉस, फिलहाल संजय कुमार मिश्रा को कमान

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भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी कर्नल सिंह.

भारत के बड़े-बड़े धन्ना सेठों, कारपोरेट दुनिया के महारथियों, हवाला कारोबारियों और नेताओं तक पर शिकंजा कसने के लिये पिछले कुछ वर्षों से लगातार सुर्ख़ियों में रही एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अब नये बॉस का इंतज़ार है. भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी कर्नल सिंह की जगह भारतीय राजस्व सेवा के उन्हीं के बैच के अधिकारी संजय कुमार मिश्रा फिलहाल ईडी के कामचलाऊ मुखिया बनाये गये हैं. उन्हें केंद्र सरकार की इस जांच एजेंसी में, प्रमुख विशेष निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली, कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने, आईआरएस अधिकारी संजय कुमार मिश्रा को तीन महीने या तब तक प्रवर्तन निदेशालय की कमान सम्भालने के लिए कहा है जब तक किसी नियमित अधिकारी की तैनाती के सन्दर्भ में अगला आदेश जारी नहीं होता.

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भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी संजय कुमार मिश्रा.

1984 बैच के IPS अधिकारी कर्नल सिंह प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक पद पर नियुक्त किये गये दूसरे आईपीएस अधिकारी थे. ये पद भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के बराबर का होता है जिस पर कर्नल सिंह से पहले भारतीय पुलिस सेवा (IAS – आईएएस) या फिर भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी को तैनात किया जाता रहा है.

संजय कुमार मिश्रा राजधानी दिल्ली में आयकर आयुक्त (Income Tax Commissioner) हैं. कहा जा रहा है कि अतिरिक्त सचिव स्तर के पैनल में नाम न होने की वजह से उन्हें फिलहाल ये अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है लेकिन उनका नाम पैनल में आने के बाद उन्हीं को डायरेक्ट के ओहदे पर नियमित कर दिया जायेगा.

कर्नल सिंह के तीन साल :

कर्नल सिंह का प्रवर्तन निदेशालय का तीन साल का कार्यकाल ज़बरदस्त गतिविधियों वाला रहा. आंकड़ों के हिसाब से बात की जाये या फिर ईडी में जांच किये जाने वाले मामलों की संवेदनशीलता या रफ्तार की, हर मामले में बीते तीन साल में इस संस्थान में परिवर्तन आया है. पढ़ाई की पृष्ठभूमि के हिसाब से इंजीनियर कर्नल सिंह, यहाँ आने से पहले दिल्ली पुलिस में भी कई ऐसे ओहदों पर काम चुके थे जो राजधानी की पुलिस के लिए सबसे अहम हैं. ज़िले के अलावा अपराध शाखा और आतंकवाद से निपटने वाले स्पेशल सेल के प्रभारी से लेकर अरुणाचल प्रदेश और गोवा तक में काम कर चुके कर्नल सिंह शायद इकलौते ऐसे अफसर है जो बिना किसी दाग और झमेले में फंसे निरंतर काम करते रहे. उनकी ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा वाली छवि ऐसी है कि उन पर वो भी अंगुली नहीं उठा सकते जो उन्हें नापसंद भी करते हों.

आईपीएस कर्नल सिंह के कार्यकाल के दौरान विजय माल्या, वीवीआईपी हेलीकाप्टर केस, पूर्व गृहमंत्री पी चिदम्बरम और उनके पुत्र कार्ति, नीरव मोदी, 2 जी, कोयला घोटाला, हसन अली, एयरसेल मैक्सिस, सारधा एंड रोजवैली चिट फंड, सन्देसरा, पंजाब नेशनल बैंक फ्राड जैसे कई केस की जांच की गई. इस दौरान जितनी जांच, सम्पतियों की कुर्की और चार्जशीट की गई उतना काम उनसे पहले ईडी में दस साल में नहीं हुआ था.

2005 से लेकर 2015 तक कुल मामलों में 9 हज़ार करोड़ की सम्पतियाँ जब्त की गईं जबकि पिछले तीन साल में ही 33 हज़ार करोड़ की सम्पतियाँ ईडी ने जब्त की. तीन साल में 8452 मामलों में छानबीन शुरू की और 5495 में जांच भी पूरी कर ली जबकि इससे पहले के दशक में तो 4725 केस की ही जांच हो पाई थी. फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की कमी से तफ्तीश पूरी न होने और चार्जशीट रुकी रहना बडी चुनौती थी और यहाँ का काम रुका रहता था. कर्नल सिंह की पहल के बाद सिर्फ ईडी के लिए ही 6 फोरेंसिक लैब बनीं.