आतंकियों ने रविवार को सुबह कश्मीर में राज्य पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर (एसआई) की गोली मारकर हत्या कर दी. 2010 बैच के सब इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद मीर पुलिस की CID शाखा में थे और श्रीनगर के शेरगढ़ी थाने में तैनात थे. वह अपने माता-पिता से मिलने को बहुत बेसब्र थे इसलिये दक्षिण कश्मीर के पुलवामा स्थित अपने गांव टिकेन (Tiken) जा रहे थे. 30 वर्षीय मीर आतंकियों की हिट लिस्ट में थे. आतंकी उन्हें पहचान न लें, इसलिए वह दाढ़ी कटवाकर और अपना हुलिया बदलकर घर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में आतंकियों ने उन्हें वागवुग क्षेत्र में रोककर गोलियों से भून डाला. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से सोशल मीडिया पर यह भी कहा जा रहा है कि इम्तियाज अपनी i10 कार नम्बर jk01ad-8352 में घर जा रहे थे जब आतंकवादियों ने उन्हें अगवा किया और एक बगीचे में ले जाकर मार दिया.
पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है कि उनके गांव जाने की सूचना आतंकवादियों के पास कैसे पहुंची. पुलिस ने आतंकियों को पकडऩे के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि मीर की हत्या करने वाले आतंकी जल्द पकड़े जाएंगे.
CID सब इंस्पेक्टर मीर के साथियों का कहना है कि उन्हें अपने गांव की ओर अकेले जाने से मना किया गया था. मगर वह अपने माता-पिता से मिलने के लिए बेहद उत्सुक थे. उनके एक साथी ने कहा कि मीर ने सुबह घर जाने से पहले अपना हुलिया बदल लिया. उन्होंने अपनी दाढ़ी कटवा ली, ताकि आतंकियों को उनके आने की जानकारी न मिले. उन्होंने पुलिस की गाड़ी के स्थान पर अपनी निजी कार का इस्तेमाल किया. जाते वक्त उन्होंने कहा कि अब आतंकी उन्हें पहचान नहीं पाएंगे. वह घर जाते समय खुश थे. वह कई दिनों के बाद छुट्टी लेकर अपने माता-पिता से मिलने के लिए जा रहे थे.
पुलिस के अनुसार, मीर रोमशी नाला के पास पहुंचे थे कि अचानक आतंकियों ने उनकी कार को घेरकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. इससे मीर की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस को मीर का गोलियों से छलनी शव पुलवामा जिले के छीवा केलन क्षेत्र से मिला. मीर दक्षिण कश्मीर के गांदरबल जिले में पांच साल तक नौकरी कर चुके थे. 2017 में कुलगाम जिले में उनका तबादला हुआ. उसके बाद उन्हें सीआईडी विंग में भेजा गया.