देशभर की महिलाओं को हेलमेट पहनाने अकेले बाइक पर निकली पूजा यादव

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पूजा यादव
पूजा यादव को हेलमेट जागरूकता अभियान के तहत रवाना करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में नोएडा के एसपी (ट्रैफिक) अनिल कुमार झा और ट्रैक्स संस्था के पदाधिकारी.

मोटर साइकिल सवारी की शौकीन उत्तर प्रदेश की पूजा यादव श्रीकृष्ण की नगरी से खास तरह का संदेश भारत के कोने कोने में पहुंचाने के लिए भले ही अकेले अपनी बुलेट मोटर साइकिल पर निकली हैं लेकिन उनके समर्थन और मदद में पुलिस से लेकर समाजसेवी और बाइक राइडिंग के शौक़ीन भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. दिल्ली के पास नोएडा में ट्रैफिक पुलिस और सड़क सुरक्षा के काम में जुटे एनजीओ ट्रैक्स की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में पूजा यादव के अभियान की रस्मी शुरुआत हुई.

पूजा यादव
पूजा यादव

जीवन बीमा का काम करने वाली 32 साल की पूजा संदेश भी जीवन की सुरक्षा का लेकर ही निकली हैं लेकिन ये संदेश खासतौर से महिलाओं के लिए है. पूजा बाइक राइडिंग में रफ़्तार के नियन्त्रण और सेफ्टी के उपायों की बड़ी हिमायती हैं. पूजा यादव का कहना है कि जब भी सड़क दुर्घटना में किसी शख्स की जान जाती है तो सबसे ज्यादा निजी क्षति महिलाओं को ही होती है. क्यूंकि उस दशा में किसी महिला ने अपना बेटा गंवाया होता है, किसी ने पति, किसी बेटी ने पिता तो किसी बहन ने भाई. इसलिए यातायात के नियमों का पालन करना और वाहन को नियंत्रित गति में चलाना जितना ज़रूरी है उतना ही टू व्हीलर चलाने वालों के लिए हेलमेट पहनना भी ज़रूरी है.

हाल के कुछ वर्षों में आटोमेटिक गियर या स्कूटी जैसे दुपहिया वाहनों के प्रचलन से इन्हें चलाने वाली महिलाओं की तादाद बेतहाशा बढ़ी है लेकिन महिलाएं हेलमेट पहनने में बेहद कम रुचि लेती हैं. पूजा अलग अलग राज्यों में महिला समूहों से मिलकर उन्हें हेलमेट के इस्तेमाल के लिए प्रेरित व जागरूक करेंगी.

पूजा यादव जोर इस बात पर ज्यादा देती है कि सुरक्षा के लिए हेलमेट आदि सामान इस्तेमाल करने के साथ ज़रूरी है कि उसकी गुणवत्ता होनी चाहिए. इसलिए हेलमेट भी आईएसआई (ISI) मार्क वाला होना चाहिए. ‘हेलमेट पहनो जागरूकता अभियान’ पर निकली पूजा यादव का मंगलवार को हरियाणा के बाद पहला पड़ाव ट्राय सिटी चंडीगढ़ है. इसके बाद वह पंजाब और राजस्थान की तरफ रुख करेंगी. पहले उनका इरादा एक साथ लगातार बाइक राइडिंग करते सभी राज्यों में जाने का था लेकिन एक माँ के नाते परिवार की जिम्मेदारी भी वह सम्भालती हैं लिहाज़ा वह इस अभियान को अलग अलग चार चरणों में पूरा करेंगी.

पूजा कहती हैं कि 12 साल के उनके बेटे का ख्याल और उसकी पढ़ाई की ज़िम्मेदारी, उनकी गैर मौजूदगी में उनके पति ब्रजेश निभाएंगे जो बैंक में काम करते हैं. मजे की बात ये है कि ब्रजेश भी बाइक राइडिंग के शौक़ीन हैं और जब वह राइडिंग पर दूर-दराज़ निकलते हैं तो पीछे से, उनके फ़र्ज़ पूजा निभाती हैं.

कई लंबी राइड कर चुकी पूजा यादव लेह लद्दाख के पर्वतीय पूरे रूट का भी आनन्द ले चुकी हैं. लेकिन उन्हें मोटर साइकिल चलाते हुए अभी बमुश्किल ढाई साल ही हुए है. पूजा ने बताया कि उन्हें ये शौक भी पति ब्रजेश से ही मिला. पहले दोनों एक बाइक पर जाते थे. पूजा बताती हैं, ‘ब्रजेश चलाते थे और मुझे पीछे बैठे बैठे बोरियत होती थी, जब ये बात पति को बताई तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम चला लो.’ इसके बाद जब हाँ की तो ब्रजेश ने उन्हें चलानी भी सिखाई’.

अब पूजा यादव एक दिन में 800 -900 किलोमीटर तक का फासला बुलेट पर तय कर लेती हैं. आज पूजा कई युवतियों के लिए प्रेरणा बनीं लेकिन उनकी प्रेरणा उनके ही जन्म स्थान हाथरस के करीब की ताज नगरी आगरा की पल्लवी फौजदार हैं जिनका नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में बाइक राइडिंग की वजह से ही दर्ज है. भारत के राष्ट्रपति के हाथों नारी शक्ति सम्मान तक से नवाजी जा चुकी 39 वर्षीय (जन्म 20 दिसम्बर 1979) पल्लवी फौजदार अब राजधानी दिल्ली में रहती हैं.

ब्रज क्षेत्र के नाम पर ही बनाये गये ब्रज बोर्न बैकर्स (BBB) ग्रुप में सक्रिय पूजा यादव और भी बाइकर्स ग्रुप का हिस्सा हैं. पूजा की कोशिश है कि बाइक राइडिंग के अपने शौक को पूरा करने के साथ वह समाज के लिए भी इसी बहाने कुछ करने की इच्छा रखती हैं.

(रक्षक न्यूज़ डॉट इन की तरफ से पूजा यादव को शुभकामनायें और उनके अभियान की सफलता की कामना की जाती है. आपको ये समाचार प्रेरणादायक या अच्छा लगा हो तो अवश्य औरों के साथ शेयर करें)