राजस्थान में आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी की पत्नी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा को ललकारा

1742
पंकज चौधरी
आईपीएस अफसर पंकज चौधरी और उनकी पत्नी मुकुल, जो चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुकी हैं. फोटो साभार : पंकज चौधरी और मुकुल पंकज चौधरी के फेसबुक वाल से.

राजस्थान के चर्चित, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी (आईपीएस) पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल पंकज चौधरी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ चुनावी जंग का ऐलान कर डाला है. वो उसी झालरापाटन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी जहां से पिछले चुनाव में जीत दर्ज करके भारतीय जनता पार्टी की वसुंधरा राजे सिंधिया मुख्यमंत्री बनीं. मुकुल चौधरी झालावाड़ क्षेत्र के झालरापाटन से चुनाव लड़ने की वजह, यहाँ से अपने जुड़ाव को बताती हैं. यूँ तो उन्होंने स्कूल कालेज की पढ़ाई राजधानी जयपुर में रहकर की लेकिन पैदाइश झालरापाटन की है. वैसे तो उनके मुद्दे में अहम भ्रष्टाचार और राज्य के सरकारी तन्त्र में तानाशाही है लेकिन कहीं न कहीं उनके चुनाव लड़ने की व्यक्तिगत वजह भी है जो सीधा सीधा उनके आईपीएस पति पंकज चौधरी के प्रोफेशनल जीवन की घटनाओं और उससे पड़े असर से भी जुड़ी हुई हैं.

पंकज चौधरी
आईपीएस अधिकारी पंकज ने इसी महीने की 18 तारीख को अपने फेसबुक पर यह प्रोफाइल फोटो लगाई है. फोटो साभार : पंकज चौधरी के फेसबुक वाल से.

भारतीय पुलिस सेवा के 2009 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी पंकज चौधरी की छवि दबंग अधिकारी की है. आजकल जयपुर में क्राइम रिकार्ड आफिस में बतौर पुलिस अधीक्षक (SP) तैनात पंकज चौधरी कई बार विवादों में रहे, उन्हें चार्जशीट किया गया और बार बार तबादले भी उनके होते रहे.

पंकज चौधरी
फोटो साभार : पंकज चौधरी के फेसबुक वाल से.

मौजूदा सरकार की उनसे और उनकी सिस्टम से नाराजगी जगज़ाहिर है. वर्तमान सत्ताधारी बीजेपी ही सिर्फ नहीं, इससे पहले कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में भी उनकी तनातनी चलती रही है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके और सोशल मीडिया पर ठीक ठाक तरीके से सक्रिय आईपीएस पंकज चौधरी सरकारी सिस्टम के खिलाफ लिखने में कतई नहींक हिचकिचाते जिसका उन्हें खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता है. उत्तर प्रदेश के बनारस से ताल्लुक रखने वाले पंकज चौधरी कम समय में ही कई पोस्टिंग कर चुके हैं.

पंकज चौधरी
सेल्फी टाइम… फोटो साभार : पंकज चौधरी के फेसबुक वाल से.

मुकुल पंकज चौधरी कई बार खुले आम इलज़ाम लगा चुकी हैं कि उनके पति को पारदर्शिता, दबंग छवि और ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ रही है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है.

No Caste No Religion No Region और One Nation जैसे वाक्य को खुद की सोच से जोड़कर जैसे आईपीएस पंकज चौधरी पेश करते हैं, उसी का अनुसरण उनकी पत्नी भी प्रचार माध्यमों में करती हैं, ‘ न जाति, न धर्म, न क्षेत्र-देश सर्वोपरि’ . इस बात का उन्होंने ऐलान कर ही डाला है कि वो किसी पार्टी की तरफ से नहीं, आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी रण में उतरेंगी. ठीक वैसे ही जैसे उनकी माँ शशि दत्ता ने किया, जो टिब्बी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर न सिर्फ जीतीं बल्कि मंत्री भी बनीं. 1993 में शशि दत्ता को तब भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज और संस्थापक नेताओं की गिनती में शुमार मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने अपने मंत्रिमंडल में विधि मंत्री बनाया था. लेकिन 2008 के विधान सभा चुनाव में वह करोली जिले के हिंडोन निर्वाचन क्षेत्र से हार गई थीं जो उन्होंने मायावती के दल बहुजन समाज पार्टी (BSP) की टिकट पर लड़ा था.

पंकज चौधरी
फोटो साभार : मुकुल पंकज चौधरी के फेसबुक वाल से.

वैसे शशि दत्ता पेशे से वकील हैं और प्रैक्टिस भी करती थीं. दिलचस्प है कि मुकुल चौधरी भी कानून की पढ़ाई कर रही हैं, वैसे एमबीए वह कर ही चुकी हैं. वहीँ मुकुल पंकज चौधरी के पिता सोम दत्ता राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी रहे और लम्बे समय तक केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबन्ध निदेशक रहे.

पंकज चौधरी
फोटो साभार : मुकुल पंकज चौधरी के फेसबुक वाल से.

मुकुल पंकज चौधरी सोशल मीडिया पर भी और जनता के बीच भी समर्थन और वोट मांगने के लिए कहती हैं, ” इस महायज्ञ में सभी जाति, सभी धर्म, सभी वर्गों व विशेषकर युवाओं से मेरी अपील है कि ये लड़ाई तानाशाही, भ्रष्टाचार व अहंकार के खिलाफ है. संभव है ये तमाम अहंकारी व भ्रष्टाचारी इस मिशन में बाधायें पैदा करें, मानसिक रूप से दिग्भ्रमित करेंगे, प्रलोभन देंगे व अपनी जा रही सत्ता व आडंबर के लिए झूठे मुक़दमों में फँसाने का कार्य भी कर सकते हैं ताकि चुनाव में व्यवधान डालकर अपना मक़सद पूरा कर सकें. हम सभी को मज़बूती से इसका सामना करना है. इनके घिनौने षड्यंत्रों व साजिश का समय रहते ख़ुलासा भी करना है.”