![C. Dinakar-1 सी. दिनाकर](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2018/10/C.-Dinakar-1-696x439.jpg)
पेशेवर जीवन के संघर्षों के बीच चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने वाले अधिकारी की पहचान रखने वाले रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सी. दिनाकर इस दुनिया को अलविदा कह गये. कुख्यात चन्दन तस्कर वीरप्पन और उसके गैंग का सफाया करने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने के अलावा कई मोर्चों पर मजबूती डटे रहे दिनाकर ने बुधवार को बेंगलुरू के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. वह 1963 बैच के आईपीएस अधिकारी थे.
फायर ब्रांड पुलिस अफसर के तौर पर काम करने वाले आईपीएस अधिकारी दिनाकर अप्रैल 2000 से फरवरी 2001 के बीच कर्नाटक पुलिस के महानिदेशक थे. वे 77 वर्ष के थे और कुछ दिन पहले घर में फिसलने से गिरे थे और फलस्वरूप घायल हो गये थे. उन्हें बेंगलुरु में ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन दिन ब दिन उनकी हालत बिगड़ती रही. उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. गुरुवार की शाम कल्पल्ली में उन्हें अंतिम विदाई दी गयी.
![सी. दिनाकर](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2018/10/C.-Dinakar-2.jpg)
ऐसे पहले आईपीएस :
वो भारतीय पुलिस सेवा के ऐसे पहले अधिकारी थे जिन्होंने अपने से जूनियर अफसर को राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाये जाने के सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी. इतना ही नहीं, IPS दिनाकर ने अपना ये केस खुद अदालत में लड़ा था और सरकार से जीते थे. वो बात अलग है कि वह सिर्फ 11 महीने ही महानिदेशक के ओहदे पर रहे.
जब वह पुलिस महानिरीक्षक और महानिदेशक थे उन दिनों वीरप्पन ने कन्नड़ फिल्मों के बड़े सितारे राजकुमार का अपहरण भी किया गया था और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिये उन्हें बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था. फोर्स में, छोटा हो या बड़ा हर कोई उनके जुझारूपन का कायल था.
![सी. दिनाकर](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2018/10/C.-Dinakar-3-a.jpg)
किताब पर विवाद :
राजकुमार के अपहरण के 108 दिन की दास्तान पर आईपीएस अधिकारी दिनाकर की लिखी किताब ‘वीरप्पन्स प्राइज कैच : राजकुमार’ (Veerappan’s Prize Catch: Rajkumar) पर काफी विवाद हुआ था और तब की कांग्रेस के मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा वाली सरकार संकट में आ गई थी. वर्ष 2003 में रिलीज़ हुई इस किताब में कन्नड़ सुपर स्टार राजकुमार की रिहाई के एवज़ में चन्दन तस्कर वीरप्पन को बड़ी रकम दिए जाने का विवादास्पद विस्तृत वर्णन था.
सरकार से केस फिर जीता मुकदमा :
सेवानिवृत्ति के बाद दिनाकर कर्नाटक हाई कोर्ट में वकील की हैसियत से प्रैक्टिस कर रहे थे. रिटायरमेंट के बाद भी उनका सरकार से छत्तीस का आंकड़ा रहा. पिछले साल ही उन्होंने एचएएल (HAL) में ओपन स्ट्रीट फेस्टिवल कराये जाने के सरकार के प्रस्ताव को अदालत में चुनौती दी थी और केस का फैसला उनके पक्ष में गया था.