अमेरिका में पुलिस सुधार कार्यक्रम पर ट्रम्प के दस्तखत लेकिन नाराज़गी कायम

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व्हाइट हाउस रोज़ गार्डन में "सेफ पुलिसिंग फॉर सेफ कम्युनिटीज़" (सुरक्षित समुदायों के लिए सुरक्षित पुलिस व्यवस्था) शीर्षक वाले पुलिस कार्यकारी आदेश पर दस्तखत

अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद अमेरिका के कई शहरों में हुए प्रदर्शन और हिंसा के बाद आखिर अमेरिका में पुलिस के कामकाज में सुधार करने की कवायद शुरू कर दी गई है. मंगलवार को आनन फानन में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इस सम्बन्ध में आदेश पर दस्तखत किये. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के अलावा हाल ही में अटलांटा में पुलिस की गोली से रेशार्ड ब्रुक्स नाम के नागरिक की मौत की उस घटना ने दबाव का काम किया है जिसकी वजह से अटलांटा की पुलिस प्रमुख एरिका शील्ड्स को इस्तीफ़ा देना पड़ा था. हालांकि खुद एरिका पुलिस में सुधारवादी नीतियाँ लागू करने और पुलिस के आम कामकाज में कम से कम बल का इस्तेमाल करने की पक्षधर हैं.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पुलिस

व्हाइट हाउस रोज़ गार्डन में “सेफ पुलिसिंग फॉर सेफ कम्युनिटीज़” (सुरक्षित समुदायों के लिए सुरक्षित पुलिस व्यवस्था) शीर्षक वाले पुलिस कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करने से पहले राष्ट्रपति ट्रम्प की टिप्पणी थी, “अपराध घटाना और मापदण्ड ऊँचे करना एक दूसरे के विपरीत नहीं हैं”. उनका कहना था कि पुलिस महकमे को देश भर में पेशेवराना मापदंडों को अपनाते हुए लोगों की सेवा करनी होगी. ये दुनियाभर में सबसे ऊँचे मापदंड हैं.

ऐसे हुई थी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत

नये आदेश में पुलिस के उस तरीके के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है जिसकी वजह से जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हुई थी. पुलिस अधिकारी ने ज़मीन पर गिरे जॉर्ज फ्लॉयड को काबू करने के लिए उसकी गर्दन को अपने घुटने से बहुत देर तक दबा कर रखा था जबकि अन्य पुलिस अधिकारियों ने जॉर्ज के हाथ पैर भी पकड़ रखे थे. बहुत से पुलिस अधिकारी आमतौर पर गिरफ्तारी के वक्त अपराधी को काबू करने के लिए ये नुस्खा अपनाते हैं. जो एजेंसियां पुलिस को प्रशिक्षण और सर्टिफिकेट देती हैं उन पर भी ये आदेश लागू होते हैं. उनसे कहा गया है कि पुलिस को प्रशिक्षण के दौरान इस तरह के बल प्रयोग के तौर तरीकों को निरुत्साहित करें. अमेरिका में पुलिस के कामकाज के तरीके बदलने के इरादे से लागू किये जा रहे रंगभेद के उस मुद्दे को लेकर खामोश है जो पूरे बवाल की जड़ में है.

जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद प्रदर्शन.

अटलांटा में मारा गया रेशार्ड ब्रुक्स भी अश्वेत था. वो अटलांटा में एक होटल के बाहर कार में सो रहा था. किसी ने शिकायत की थी कि उसकी कार की वजह से रास्ता रुका हुआ है. पुलिस जब वहां पहुंची तो शक हुआ कि रेशार्ड ब्रुक्स ने शराब पी रखी है. इसकी जांच करने की प्रक्रिया के दौरान रेशार्ड ब्रुक्स के सहयोग न करने पर पुलिस की उसके साथ कहासुनी हुई. इस बीच रेशार्ड ब्रुक्स ने एक अधिकारी की बंदूक छीन ली और भागने लगा तो दूसरे पुलिस अफसर ने उसे गोली मार दी.

अटलांटा में मारा गया रेशार्ड ब्रुक्स (बीच में)

मिनियोपोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत की घटना के बाद अमेरिका में अश्वेतों ने जगह जगह जब रंगभेद को लेकर विरोध प्रदर्शन किये तो उनमे से बहुतों के साथ श्वेत अमेरिकन भी दिखाई दिए. अटलांटा की पुलिस प्रमुख एरिका शील्ड्स भी वहां विरोध प्रदर्शन के समर्थन में खड़ी थीं. इतना ही नहीं, वह ऐसा करने वाली अमेरिका की पहली पुलिस प्रमुख थीं. शील्ड्स उन अधिकारियों में से हैं जो पुलिसकर्मियों के बॉडी कैमरे के अधिकतम इस्तेमाल की पक्षधर हैं.

अटलांटा की पुलिस प्रमुख एरिका शील्ड्स को इस्तीफ़ा देना पड़ा था

नये आदेश और ट्रम्प, दोनों ही अमेरिका में रंगभेद के मसले को लेकर खामोश हैं. ट्रम्प का कहना है कि अमेरिकन कानून -व्यवस्था चाहते हैं. डोनल्ड ट्रम्प की टिप्पणी थी. “वे क़ानून व्यवस्था की मांग कर रहे हैं”. दूसरी तरफ बहुत से जानकारों ने ये सवाल उठाया कि जब तक नियमों को तोड़कर बार बार अपनी वर्दी और रुतबे का बेजा इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कानून नहीं बनेगा तब तक पुलिस में सुधारवादी कार्यक्रम की बात बेमायने है. इससे सम्बन्धित एक प्रस्ताव पर अमेरिकी संसद में प्रस्ताव भी लम्बित है जिस पर इसी महीने में वोटिंग भी होनी है.