सुकमा में नक्सलियों के IED धमाके में सीआरपीएफ अधिकारी शहीद, 9 जवान घायल

783
सीआरपीएफ
वीरगति को प्राप्त अधिकारी नितिन पुरुषोत्तम भालेराव (फाइल) को अंतिम विदाई देतीं उनकी मां भारती भालेराव.

छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सलियों के गढ़ वाले इलाके सुकमा में बम धमाके में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ CRPF) के अधिकारी नितिन पुरुषोत्तम भालेराव शहीद हो गये. इम्प्रोवाइज्ड इलेक्ट्रोनिक डिवाइस (आईईडी IED) से किये गए इस हमले में सीआरपीएफ के घायल हुए 9 अन्य जवानों में से कुछ की हालत नाज़ुक बनी हुई है. पुलिस सम्मान के साथ इस नौजवान अधिकारी नितिन भालेराव को महाराष्ट्र के नासिक में आखिरी सलामी और विदाई दी गई.

सीआरपीएफ
केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ CRPF) के वीरगति को प्राप्त अधिकारी नितिन पुरुषोत्तम भालेराव.

हालात का जायज़ा लेने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे CRPF के महानिदेशक डॉ. एपी महेश्वरी ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि बल बहादुर नितिन के परिवार से कंधे से कंधा लगाकर खड़ा है. इस तरह की कायराना हरकतों से सीआरपीएफ को फर्क नहीं पड़ता और ये अभियान छत्तीसगढ़ पुलिस व सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ज्यादा दमखम लगाकर चलाया जायेगा.

सीआरपीएफ
नितिन पुरुषोत्तम भालेराव के पार्थिव शरीर को महानिदेशक एपी महेश्वरी ने कंधा दिया.

स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक़ नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन के तहत शनिवार को बुर्कापाल कैम्प से कोबरा 206 बटालियन के जवान तलाशी अभियान पर निकले थे. देर शाम वापसी के दौरान बुर्कापाल कैम्प से करीब छह किलोमीटर पहले ताड़मेटला के पास इनका नक्सलियों के लगाए आईईडी से संपर्क हुआ जिससे ज़ोरदार धमाका हो गया. सहायक कमान्डेंट नितिन भालेराव समेत 10 जवान इस धमाके के दौरान जख़्मी हुए. इनमें से आठ जवानों को हेलिकॉप्टर के ज़रिये एयर लिफ्ट किया गया और इलाज के लिए राजधानी रायपुर स्थित रामकृष्ण अस्पताल पहुंचाया गया. दो अन्य जवानों को चिंतलनार में सीआरपीएफ अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया.

सीआरपीएफ
नितिन पुरुषोत्तम भालेराव को पुष्पांजलि.

यह वही ताड़मेटला नाम की जगह है, जहां 6 अप्रैल 2010 को नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे. इस दौरान करीब एक हजार नक्सलियों के बीच डेढ़ सौ जवान घिरकर फंस गए थे. नक्सली घटनाओं के लिए सुर्ख़ियों में रहने वाले बस्तर ज़िले में यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला था.

सीआरपीएफ
नितिन पुरुषोत्तम भालेराव को अंतिम विदाई देते सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी महेश्वरी व कोबरा बटालियन के अधिकारी.

एक अन्य स्रोत से मिली सूचना के मुताबिक आईईडी विस्फोट के अलावा स्पाइक होल में फंसने से भी जवानों को चोटें आईं हैं. हालांकि करीब एक महीने में सुरक्षा बलों ने बड़ी तादाद में जंगल के बीच नक्सलियों के दबाए स्पाइक होल बरामद किये हैं. स्पाइक होल में लकड़ी के फट्टे में लोहे की बड़े साइज़ की नुकीली कीलें लगी होती हैं. इसे जंगल के रास्तों में या इर्दगिर्द गड्ढे में रखकर ऊपर से घास-फूंस से ढांप कर छिपा दिया जाता है. पैर पड़ते ही इसमें व्यक्ति की टांगों में कीलें धंसकर चोट पहुंचाती हैं और जख्मी शख्स गिर जाते हैं.

सीआरपीएफ
महानिदेशक एपी महेश्वरी ने अस्पताल में घायलों का हाल लिया.

रायपुर में पुलिस सम्मान के साथ कमान्डेंट नितिन भालेराव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री और सीआरपीएफ महानिदेशक और अन्य अफसरों के अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नागरिक प्रशासन के अधिकारी इसमें शामिल हुए. सीआरपीएफ महानिदेशक एपी महेश्वरी ने घायल जवानों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की.