टैंक को ध्वस्त कर डालने वाली मैन पोर्टेबल मिसाइल प्रणाली का कामयाब परीक्षण

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मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) हथियार प्रणाली का पोखरण में परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने युद्धक टैंक को परास्त करने वाली  एक ऐसी मिसाइल प्रणाली देश में ही  डिजाइन और विकसित की है जिसे लाना ले जाना इतना आसान है कि  कोई शख्स उठाकर ले जा सकता है . इसे  मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) हथियार प्रणाली कहा जाता है . इसकी श्रेष्ठता जांचने के लिए पोखरण में इसका परीक्षण किया गया जो कामयाब रहा . अब सेना को  इस प्रणाली का अंतिम मूल्यांकन करना है जिसके बाद इसे सेना के हथियारों के बेड़े में शामिल करने का रास्ता बन जाएगा.

एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़  मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ( man portable anti tank guided missile)  की प्रौद्योगिकी की उच्च श्रेष्ठता को साबित करने के मकसद से उसका कई बार विभिन्न उड़ान विन्यासों में मूल्यांकन किया जा चुका है . 13 अप्रैल को इसका अंतिम  परीक्षण किये जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ (DRDO ) की उस टीम को बधाई दी जिसने एमपीएटीएम प्रणाली को बनाया .  परीक्षण के वक्त  इस प्रणाली में एमपीएटीजीएम, लॉन्चर, लक्ष्य अधिग्रहण प्रणाली और अग्नि नियंत्रण इकाई शामिल थी.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मिसाइल जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (इन्फैंट्री, भारतीय सेना) में निर्धारित पूर्ण परिचालन आवरण के अनुपालन को हासिल करने की दिशा में पर्याप्त संख्या में मिसाइल फायरिंग परीक्षणों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. यह परीक्षण  13 अप्रैल, 2024 को राजस्थान के पोखरण की फील्ड फायरिंग रेंज में वारहेड उड़ान परीक्षण के तौर पर किए किए गए .  मिसाइल के प्रदर्शन और वारहेड के प्रदर्शन उल्लेखनीय पाए गए।

एमपीएटीजीएम ( mpatgm) के टेंडेम वारहेड सिस्टम की भेदन क्षमता का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और इसे आधुनिक कवच से संरक्षित मुख्य युद्धक टैंक को भी परास्त करने में सक्षम पाया गया है.  एटीजीएम प्रणाली ऐसा हथियार है जो  दिन व रात , दोनों ही वक्त में तगड़ा हमला करने की ताकत से लैस है .  इसकी ‘डुअल मोड सीकर’ कार्यक्षमता टैंक युद्ध में इस मिसाइल क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्यवर्धन है.  इस परीक्षण को इसलिए भी महत्वपूर्ण मना गया क्योंकि इसके साथ ही अब  प्रौद्योगिकी विकास एवं सफल प्रदर्शन का कार्य संपन्न हो गया. लिहाज़ा  यह प्रणाली अब अंतिम उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है, जोकि इसे भारतीय सेना के हथियारों  में शामिल होने की ओर अग्रसर करेगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( defence minister rajnath singh)  ने इस एमपीएटीजीएम हथियार  प्रणाली के सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की तारीफ़  की है तथा इसे उन्नत प्रौद्योगिकी-आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक अहम  कदम बताया है. वहीँ रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी इन परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी.