खुद मुसीबत में लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कोविड योद्धाओं ने समुद्र से दी आवाज़ : हम डटे हैं, आप निश्चिन्त रहें

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दुनियाभर में समुद्र में हज़ारों की संख्या में इन नौकाओं और जहाजों ने 1 मई को दोपहर 12 बजे एक साथ हॉर्न बजाकर पूरी दुनिया को एकजुटता का संदेश दिया.

वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड 19) के संक्रमण से लड़ी जा रही जंग में बेहद अहम भूमिका निभाने वाले ऐसे गुमनाम योद्धा भी हैं जो मीलों दूर समुद्र में अपने रोजगार की अनिश्चितता के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय योद्धा के तौर पर डटे हुए हैं. जहाज़रानी उद्योग और मर्चेन्ट नेवी के ये वो कार्मिक हैं जिनके कंधों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामान की सप्लाई की श्रृंखला कायम रखने की ज़िम्मेदारी है.

अपने फर्ज़ के प्रति संकल्प और कोविड 19 संकट के दौरान अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर इन्होंने समुद्र में एक साथ हज़ारों नौकाओं और जहाजों के हॉर्न बजाकर एकजुटता का प्रदर्शन किया.

दुनियाभर में समुद्र में हज़ारों की संख्या में इन नौकाओं और जहाजों ने आज दोपहर 12 बजे एक साथ हॉर्न बजाकर पूरी दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की है कि वो एक देश से दूसरे देश के बन्दरगाहों तक सामान पहुंचाने के कर्तव्य के प्रति दृढ़संकल्प हैं.

हॉर्न की आवाज़ के ज़रिये इस संदेश को देने का आह्वान जहाज़रानी उद्योग की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ़ शिपिंग (International Chamber of Shipping) ने किया. इस संस्था के मुताबिक़ समुद्र में 12 लाख लोग काम करते हैं ताकि दुनिया भर में ईंधन से लेकर खाने पीने का सामान और ज़रूरी वस्तुओं की सप्लाई कायम रहे भले ही किसी तरह की चुनौतियों का उन्हें सामना करना पड़े .

नावे न्यूट्रिनो (Nave Nutrino) जहाज़ के कैप्टन अजीत वढेरा.

इस हॉर्न बजाओ अभियान में शामिल नावे न्यूट्रिनो (Nave Nutrino) जहाज़ के कैप्टन अजीत वढेरा ने भेजे अपने वीडियो संदेश में दो और तरह की चुनौतियों व खतरे का ज़िक्र किया है. कैप्टन वढेरा का कहना है कि किसी भी पोर्ट से जो लोग उनके जहाज़ पर आते हैं तो पता नहीं होता कि वो कोविड संक्रमित हैं या नहीं. इतना ही नहीं उनके जहाज़ के चालक दल का कम्पनी से कांट्रेक्ट खत्म हो चुका है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय लॉक डाउन की वजह से ये लोग अपन अपने घर नहीं जा सकते इसलिए इन्हें मज़बूरन नौ नौ महीने से भी ज़्यादा समुद्र में ही रहना पड़ रहा है. ये स्वाभाविक है कि कैप्टन वढेरा के दल की तरह और भी कई क्रू (crew) समुद्र में फंसे होंगे.

सिनर्जी ग्रुप (Synergy Group) के संस्थापक सीईओ कैप्टन राजेश उन्नी.

वहीँ सिनर्जी ग्रुप (Synergy Group) के संस्थापक सीईओ कैप्टन राजेश उन्नी का कहना है कि वो इस अभियान को दो तरह से देखते हैं और इसका समर्थन करते हैं. एक तो ये कि संकट की इस घड़ी में भी सामान की लगातार सप्लाई की उपलब्धि का उत्सव मनाने का और दूसरा समुद्र में काम कर रहे लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता लाने का ये एक मौका है. कैप्टन राजेश उन्नी का कहना है कि मुद्दे के तौर पर देखा जाए तो इस सिक्के के दो पहलू है और पूरी दुनिया को इसके बारे में मिलकर सोचना चाहिए क्यूंकि जितना ज़रूरी सामान की सप्लाई को जारी रखना है उतना ही ज़रूरी इस काम को समुद्र में कर रहे लोगों के कुशलता का भी है. सबको मिलकर ऐसे तरीके सोचने होंगे कि वे लोग भी अपने परिवारों तक सुरक्षित पहुँच सकें.