सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन : सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 6 माह की मोहलत मांगी

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भारतीय सेनाओं में महिलाओं को स्थायी कमीशन?
फाइल फोटो

महिला रक्षामंत्री के राज में भारतीय सेनाओं में महिलाओं को स्थायी कमीशन मिलेगा या नहीं? ये सवाल सैन्य क्षेत्रों में कुछ दिन से लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन इसी बीच अदालत के दबाव में ही आकर सही, भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ कवायद तो शुरू कर ही दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में कहा है कि सेना के तीनो अंगों में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के मामले में, उनके और पुरुषों के बीच का फर्क दूर करने पर, सक्रियता से विचार चल रहा है.

ये पहला मौक़ा है जब सरकार ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने को लेकर अदालत में कोई लिखित बयान दिया हो. सरकार ने कहा है कि इसके लिए तौर तरीके बनाने और उनको अपनाने के लिए सशस्त्र सेना के तीनों अंगों में इस दिशा में बदलाव करने के लिए उसे 6 महीने का वक्त चाहिए. सरकार ने ये हलफनामा दिल्ली हाई कोर्ट के साल 2010 के उस आदेश के सन्दर्भ में दिया है जिसमें हाई कोर्ट ने, सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के लिए भर्ती महिलाओं को, स्थायी कमीशन देने को कहा था. हालांकि सेना की दो शाखाओं, जज एडवोकेट जनरल (JAG) और शिक्षा, में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जाता है लेकिन बाकी शाखाओं के लिए मनाही है. वैसे वायु सेना (Indian Airforce) और नौसेना (Indian Navy) में अब महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जा रहा है लेकिन सीमित क्षेत्रों में.

सरकार ने ये जवाब, जस्टिस एनवी रमण की अगुआई वाली बेंच के उन निर्देशों के जारी होने के बाद दाखिल किया है जो अदालत ने 28 अप्रैल को सरकार के मौखिक बयान को दमदार नहीं मानने के बाद दिए थे. अदालत ने, महिलाओं को स्थायी कमीशन न देकर परेशान करने पर 13 अप्रैल को सरकार की खिंचाई भी की थी.

हलफनामे में कहा गया है कि सेना के तीनों अंग कार्यरत महिलाओं को सेना के कैरियर में पर्याप्त अवसर ना मिल पाने की शिकायत के प्रति संवेदनशील हैं और भेदभाव दूर करकर उनके लिए पर्याप्त मौके उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जा रहा है. कोर्ट ने ये भी पूछा था कि महिलाओं को जंगी भूमिका में स्थायी कमीशन देने में सरकार को किस बात की हिचकिचाहट है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि वो शार्ट सर्विस कमीशन के तहत 14 साल पूरे कर चुकी महिलाओं को बिना स्क्रीनिंग 20 साल तक की सेवा का मौका देगी इससे वे पेंशन प्राप्त करने की भी हकदार होंगी.

दो दिन पहले दिल्ली में फिक्की महिलाओं के एक कार्यक्रम में भी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि महिलाओं को तारतम्यता के मुताबिक़ सेना में मौके दिया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है और उन्हें स्थायी कमीशन देने पर काम चल रहा है.

सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय (फाइल फोटो)