जम्मू में मुख्यालय वाली भारतीय सेना की 16वीं कोर यानि वाइट नाइट कॉर्प्स ( white knight corps ) ने कमांडो झंटू अली की जान जाने के बारे में सोशल मीडिया एक्स पर सूचना देते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है . सेना के मुताबिक़ उधमपुर के बसंतगढ़ में आतंकवादियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी . इसके आधार पर वहां सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान ( joint operation ) शुरू किया था . गोलीबारी के दौरान, हवलदार झंटू अली शेख गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई .
भारत के सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी , वाइटनाइट कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी के मिश्रा सहित सभी रैंक्स ने पैरा कमांडो झंटू अली की मृत्यु पर शोक ज़ाहिर करते हुए श्रद्धांजलि दी है . पश्चिम बंगाल भेजे जाने से पहले हवलदार झंटू अली का पार्थिव शरीर 16वीं कोर के मुख्यालय जम्मू में लाया गया जहां कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी के मिश्रा ने पुष्पांजलि अर्पित की .
सेना ने अपनी पोस्ट में कहा , ” सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, और भारतीय सेना के सभी रैंक बहादुर हवलदार झंटू अली शेख की अटूट बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. उनका अदम्य साहस हमेशा हमारे दिलों में अंकित रहेगा और भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है.”
पूर्व सेनाध्यक्ष और सांसद वीके सिंह ने कमांडो झंटू अली को श्रद्धांजलि देते हुए पोस्ट में कहा , ” उधमपुर क्षेत्र में चल रही मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त करने वाले भारतीय सेना के हवलदार झंटू अली शेख को मेरा सलाम. आपके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ. आपने अपनी इकाई, सेना और राष्ट्र के नाम को सार्थक किया है. हमें आप पर गर्व है और हम आपको कभी नहीं भूलेंगे.”

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान में शहीद सैनिक के प्रति संवेदना व्यक्त की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. टीएमसी ने उन्हें “बंगाल का हीरो” बताया. पार्टी ने कहा, “हम भारतीय सेना के 6 पैरा (विशेष बल) के हवलदार झंटू अली शेख को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने उधमपुर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. कृष्णानगर के पाथरघाटा गांव के एक बेटे ने वीरता, निस्वार्थता और राष्ट्र की सेवा के सर्वोच्च आदर्शों को अपनाया. दुख की इस घड़ी में हमारी हार्दिक संवेदनाएं उनके शोक संतप्त परिवार के साथ हैं. उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.”
कृष्णानगर से तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की और याद दिलाया कि हवलदार शेख उनके निर्वाचन क्षेत्र से थे.
उधमपुर जिले के बसंतगढ़ क्षेत्र में पिछले एक साल में कई आतंकी घटनाएं हुई हैं. 9 अप्रैल को उधमपुर जिले के रामनगर के जोफर-मार्टा क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. हालांकि, आतंकवादी भागने में कामयाब रहे. पिछले साल 11 सितंबर को बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में एक मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन से जुड़े दो आतंकवादी मारे गए थे. पिछले साल 29 अप्रैल को बसंतगढ़ के पनारा गांव में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में एक ग्राम रक्षा गार्ड सदस्य मारा गया था. कठुआ सीमा जिले और डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट के बीच स्थित इस रणनीतिक बेल्ट में घुसपैठ के मार्गों के रूप में कई मुठभेड़ और ऑपरेशन हुए हैं.