मोटे अनाज के जरिए भारतीय सैनिकों की सेहत बेहतर करने की नई तैयारी

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भारतीय सैनिकों का खाना

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय और  भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई – fssai ) के बीच एक ऐसा समझौता हुआ है जिसका मकसद  रक्षा मंत्रालय के तहत मेस, कैंटीन और अन्य खाद्य दुकानों में मोटे अनाज-आधारित मेनू की शुरुआत करना है . साथ ही  कार्मिकों के बीच आहार विविधता और मोटे अनाज-आधारित खाद्य उत्पादों के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना है

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की मौजूदगी  में रक्षा मंत्रालय की ओर से महानिदेशक (आपूर्ति और परिवहन) लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत मोहिंदर सिंह और एफएसएसएआई के सीईओ  जी कमला वर्धन राव  ( ceo, fssai ) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.   सशस्त्र बलों के बीच मोटे अनाज के उपयोग (use of millets ) और स्वस्थ भोजन के तौर तरीकों को  बढ़ावा देने और सुरक्षित तथा पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 13 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में इस  समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.

एफएसएसएआई की पुस्तक ‘हेल्दी रेसिपीज फॉर डिफेंस’ ‘ का विमोचन

दोनों मंत्रियों ने श्रीअन्न (मोटे अनाज) के उपभोग और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने के लिए ‘हेल्दी रेसिपीज फॉर डिफेंस’  ( नामक पुस्तक का भी विमोचन किया. इस अवसर पर भारत के  चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमने, स्वास्थ्य सचिव  राजेश भूषण और रक्षा मंत्रालय तथा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के कई  वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद  थे.

रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सहयोग खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुसार खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर मेस, सशस्त्र बलों की कैंटीन और अन्य फूड आउटलेट के खाद्य संचालकों और शेफ का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित करेगा.  यह सशस्त्र बलों को राष्ट्र के प्रति अपनी सेवा में सुदृढ़ता और लचीलापन बनाये रखने में सक्षम बनाने के लिए उनके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक साझी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.  यह समझौता ज्ञापन सशस्त्र बलों के परिवारों और व्यापक स्तर पर समुदाय को पौष्टिक आहार अपनाने, स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने और खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

एफएसएसएआई की पुस्तक ‘हेल्दी रेसिपीज फॉर डिफेंस’ ‘ ( Healthy Recipes for Defence) में पोषक अनाज आधारित व्यंजनों की एक श्रृंखला शामिल है.  यह रक्षा मंत्रालय के तहत विभिन्न कैंटीनों और फूट आउटलेट के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगा.  विशेषज्ञों का मानना है कि रक्षा कर्मियों द्वारा सामना किए जाने वाले चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों और विविध जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए आहार में विविधता  बहुत महत्व रखती है. मोटे अनाज अपने पोषण संबंधी मूल्य के लिए जाने जाते है और ये संतुलित और विविध आहार में योगदान दे सकते है.