लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक का ओहदा संभाला

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लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन

लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन अब  सीमा सड़क संगठन ( border roads organisation ) के नए महानिदेशक बनाए गए हैं . वह बीआरो के 28वें महानिदेशक  हैं.  उन्होंने शनिवार को , बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी  के रिटायर होने  के बाद  , पदभार ग्रहण किया है.  बीआरओ के महानिदेशक  के रूप में  नियुक्ति से पहले, जनरल श्रीनिवासन  पुणे स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के कमांडेंट के ओहदे पर थे.

लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( खडकवासला)  और भारतीय सैन्य अकादमी ( देहरादून)  के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 1987 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन हासिल हुआ था.  वह अपनी शानदार सेवा के दौरान ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन पराक्रम में हिस्सा  ले चुके है. उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों, खासतौर से लदाख , अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेवा करने का महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त है.

लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन  ने अपने करियर में कई प्रमुख कमांड और स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, हायर कमांड और नेशनल डिफेंस कॉलेज पाठ्यक्रमों को पूरा किया है. उनकी उल्लेखनीय नियुक्तियों में, 58 इंजीनियर रेजिमेंट और 416 इंजीनियर ब्रिगेड की कमान शामिल हैं.  उन्होंने रक्षा मंत्रालय (सेना) के मुख्यालय में उप महानिदेशक, अनुशासन और सतर्कता, कमांडेंट बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर रुड़की, मुख्य अभियंता दक्षिणी कमान और रक्षा मंत्रालय (सेना) के एकीकृत मुख्यालय में इंजीनियर-इन-चीफ शाखा में एडीजी जैसी नियुक्तियों पर भी काम किया है.  वह भारतीय सैन्य सलाहकार दल, लुसाका, जाम्बिया और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक भी रहे हैं.  उनकी विशिष्ट सेवा के लिए, उन्हें विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है.

लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने पदभार ग्रहण करने के बाद बीआरओ कर्मियों को दिए अपने संदेश में सबसे चुनौतीपूर्ण और दुर्गम परिस्थितियों में महत्वपूर्ण सड़कों और संबद्ध अवसंरचना को बनाए रखने और निर्माण करने के लिए उनकी कोशिशों की तारीफ़ की .   उन्होंने सशस्त्र बलों को सीमाओं की सुरक्षा करने और दूरदराज के क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने के अपने अभियान में लगातार  समर्पण, लचीलापन और व्यावसायिकता का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया.

सीमा सड़क संगठन की स्थापना 7 मई, 1960 को उत्तर और उत्तर-पूर्वी राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास के माध्यम से भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी. अपनी स्थापना के बाद से, बीआरओ ने 63,000 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों, 976 पुलों, छह सुरंगों और 21 एयरफील्ड का निर्माण किया है. बीते  एक साल  में बीआरओ ने आठ सीमावर्ती राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में 5,400 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड 193 परियोजनाएं पूरी की हैं.