भारत-पाकिस्तान के DGMO की ऐसे हुई फोन पर बातचीत

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पाकिस्तान और भारत के सैन्य आपरेशन के महानिदेशकों (DGMO) के बीच गुरुवार की शाम हुयी बातचीत. (प्रतीकात्मक फोटो)

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान और भारत के सैन्य आपरेशन के महानिदेशकों (DGMO) के बीच गुरुवार की शाम हुयी पहली बातचीत को दोनों पक्ष संतोषजनक मान रहे हैं. हाटलाइन पर ये बातचीत दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस के मौके के हिसाब से तय हुई थी. पाकिस्तान 14 और भारत 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस मनाता है. दोनों देशों के अधिकारियों ने आज़ादी के दिन की, एक दूसरे को मुबारकबाद दी लेकिन दोनों ने ही एक दूसरे पर आरोप भी मढ़े.

भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच 16 अगस्त की शाम पांच बजे हुई इस बैठक के बारे में भारतीय सेना की तरफ से दी गई आधिकारिक सूचना के मुताबिक पाकिस्तान के अधिकारियों ने, नियंत्रण रेखा (LOC ) के निकट वाले इलाके में हानिकारक तत्वों की गतिविधियां दिखाई देने पर तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया और भारत की तरफ से सूचना साझा किये जाने पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करने का भी भरोसा दिया.

भारतीय सेना (ADGPI ) की तरफ से ये बताया गया :

सीमा पर शान्ति के हालात कायम करने में भारतीय सैनिकों की तरफ से किये गये उपायों पर पाकिस्तान के अधिकारियों ने संतोष जाहिर किया है. इस दौरान सीज़फायर उल्लंघन की घटनाओं में भी तेज़ी से कमी आई है. भारतीय सैन्य अधिकारियों ने उन्हें जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ चिंता की सबसे बड़ी वजह है. घुसपैठ की कोशिश की ये घटनाएं पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के उत्तरी हिस्से से खासतौर से सामने आईं हैं. पाकिस्तान को उस हिस्से में घुसपैठ के लिए तैयार लांचपैड (ठिकानों) का इलाज़ करना होगा.
भारतीय DGMO ने पाकिस्तान को आश्वस्त किया है कि 2003 के हिसाब से सीज़फायर का पालन किया जायेगा बशर्ते पाकिस्तान अपनी तरफ से घुसपैठ रोकने के उपाय की पहल करे और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद भड़काना बंद करे.

पाकिस्तानी सेना (ISPR) ने ये बताया :

रावलपिन्डी. भारत की तरफ से 29 मई 2018 के बाद सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में बेकसूर नागरिकों को निशाना बनाया गया जिसमें 4 लोग मारे गये और 32 ज़ख़्मी हुए विशेषकर 15 -16 अगस्त को दिन के समय में ये घटना लीपा सेक्टर में हुई. इस तरह की कार्रवाइयां शान्ति पर असर डालती हैं. नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना और हथियारों की असामान्य आवाजाही चिंता का विषय है जबकि भारतीय पक्ष ने कहा कि उनकी तरफ से ऐसा कुछ नहीं है.

भारत की तरफ से पाकिस्तान पर घुसपैठ और आतंकवाद को उकसाने के आरोपों को पाकिस्तान के DGMO ने नकार दिया और कहा कि वे अमन चैन कायम रखने के प्रति संकल्पबद्ध हैं लेकिन आक्रामक रुख का वैसा ही जवाब दिया जाएगा जो शान्ति के वातावरण के लिए हानिकारक हो सकता है. भारतीय DGMO ने ऐसा कुछ नहीं होने का भरोसा दिया है.