भारत का नाम दुनिया के उन देशों की फेहरिस्त में शुमार हो गया है जिनके पास समुद्र में लड़ाकू विमान की लैंडिंग कराने की क्षमता है. यह गोवा में समुद्र किनारे आईएनएस हंसा परीक्षण सुविधा पर हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की नियंत्रित लैंडिंग से मुमकिन हुआ है. इस सफल लैंडिंग से भारतीय नौसेना के विमानवाहक, विक्रमादित्य पर उड़ान के दौरान विमानवाहक के लैंडिंग के लिए स्वदेशी मंच उपलब्ध होने का रास्ता खुल गया है.
कई साल उड़ान परीक्षण के बाद और गोवा में समुद्र किनारे स्थित परीक्षण सुविधा में समर्पित परीक्षण के चार अभियानों के बाद शुक्रवार को कमांडर जे.ए. मावलंकर (प्रधान परीक्षण पायलट), लैंडिंग सेफ्टी ऑफिसर कैप्टन शिवनाथ दहिया और कमांडर जे.डी. रतुरी (परीक्षण निदेशक) के नेतृत्व में नेवी की हल्के लड़ाकू विमान (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट – एलसीए) उड़ान परीक्षण टीम ने आईएनएस हंसा में नियंत्रित लैंडिंग का काम सफलतापूर्वक पूरा किया.

भारत के रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “इस नियंत्रित लैंडिंग से सच्चे अर्थों में स्वदेशी क्षमता हासिल हुई है और हमारे वैज्ञानिक समुदाय, एयरोनॉटिकल विकास एजेंसी (एडीए) के साथ-साथ एचएएल (एआरडीसी), डीआरडीओ और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा तैयार डिजाइन और निर्माण क्षमता भी प्रमाणित हुई हैं.” इस कामयाबी से शुक्रवार भारतीय नौसेना के विमानन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाने वाला दिन भी है.
इस मौके को भारतीय नौसेना में एक नये युग की शुरूआत माना जा सकता है. इस काम में कई एजेंसियों ने मिलकर सहयोग किया है. इसमें सर्टिफिकेशन एजेंसी (सीईएमआईएलएसी), गुणवत्ता एजेंसी (डीजीएक्यूए) तथा विमान को बनाने में अपना सहयोग देने वाला ग्राउंड स्टॉफ शामिल हैं. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए एडीए, एचएएल, डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना को बधाई दी है.