सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू

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सांकेतिक तस्वीर

भारतीय सेना में शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) और महिला विशेष प्रवेश योजना (ईएसईएस) के तहत भर्ती हुई महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया शुरू करते हुए आवेदन मांगे गये हैं. फिलहाल सेना की दस शाखाओं में ही महिलाओं को स्थायी कमीशन देना तय हुआ है और इसके आवेदन के लिए आख़िरी तारीख 31 अगस्त रखी गई है. महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने का मामला बरसों से अदालत में लंबित था. दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे लागू करने के बारे में आदेश दिया था लेकिन सरकार ने इस पर सकारात्मक कदम तब बढ़ाया जब फरवरी माह में उसे सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने के हुक्म के साथ इस काम को तीन महीनों में शुरू करने की मोहलत दी थी.

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10 शाखाओं में स्थाई कमीशन :

पिछले महीने रक्षा मंत्रालय ने इस बाबत तैयार प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सेना ने अब आदेश जारी कर, इच्छुक और पात्र महिला अधिकारियों से स्थायी कमीशन के लिए आवेदन मांगे हैं. सेना मुख्यालय ने स्थायी कमीशन के लिए महिला अधिकारियों का चयन करने के मकसद से चयन बोर्ड बनाने का काम किया है. भारतीय सेना में फिलहाल 10 विभागों में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन दिया जा रहा है जिनमें थल सेना हवाई रक्षा (आर्मी एयर डिफेन्स-AAD), सिग्नल्स, इंजीनियर, सेना विमानन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मकेनिकल इंजीनियर, थल सेना सेवा कोर (ASC), सैन्य आयुध कोर (AOC) और गुप्तचर (इंटेलिजेंस) कोर शामिल हैं. सेना में महिला अधिकारियों को दो शाखाओं, न्यायाधीश एवम महा अधिवक्ता (जेएजी) और शिक्षा कोर (AEC) , में पहले से ही स्थायी कमीशन देने की व्यवस्था है.

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क्यों हुई देरी :

महिलाओं का सेना में पुरुषों की बराबर के ओहदों और खासतौर पर युद्ध मोर्चे से सम्बन्धित शाखाओं में स्थायी कमीशन देने में सरकार और सैन्य नेतृत्व शुरू से ही हिचकिचाहट दिखाता रहा है और इसके पीछे तरह तरह आशंकाओं के मद्देनजर दलीलें भी दी गईं हैं. बच्चों के लालन पालन, मातृत्व, शारीरिक विक्षमता और पुरुष सैनिकों का ग्रामीण परिवेश वगैरह जैसी कई दलीलें इनमें शामिल थीं. लिहाज़ा कुछ महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी बड़ी जो लम्बी चली. अदालतों ने सरकार और सैन्य नेतृत्व की तमाम दलीलों को दरकिनार कर दिया.

भारतीय सेना में महिलाएं :

वर्तमान में भारत की थल सेना में मात्र 3 .89 प्रतिशत महिलाएं हैं जबकि नौसेना में 6 .7 प्रतिशत और भारतीय वायु सेना में 13 .28 प्रतिशत महिलायें हैं.