भारत ने 24 घंटे में ‘प्रलय’ के दो कामयाब टेस्ट कर डाले

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प्रलय
प्रलय मिसाइल का प्रक्षेपण

भारत के रक्षा तंत्र ने प्रेक्षापास्त्र (मिसाइल) के ज़रिये अपनी मारक क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए ‘प्रलय’ का फिर से कामयाब टेस्ट किया है. सतह से सतह पर मार करने वाली ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइल के 24 घंटे में लगातार दो दिन तक दो उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किये गये. नई पीढ़ी की इस मिसाइल के लगातार दो टेस्ट पहली बार किये गये हैं.

प्रलय मिसाइल विभिन्न दूरियों पर टारगेट को तबाह करने वाली ऐसी मिसाइल है जो 150 किलोमीटर से 500 किलोमीटर पर मौजूद दुश्मन के रडार और संचार प्रणाली को नेस्तनाबूद कर सकती है. इतने फासले तक ‘प्रलय’ अपने साथ 300 से 700 किलो वजन तक उच्च श्रेणी का विस्फोटक (high explosive) ले जा सकती है.

प्रलय
लक्ष्य की ओर प्रलय मिसाइल

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 23 दिसंबर, 2021 को ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से स्वदेशी रूप से विकसित पारंपरिक सरफेस टू सरफेस (surface to surface) मार करने वाली मिसाइल ‘प्रलय’ का दूसरा उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया. इस उड़ान परीक्षण ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया और यह प्रक्षेपण मिसाइल के दोनों विन्यासों में प्रणाली को सफल साबित करता है.
गुरुवार के टेस्ट में ‘प्रलय’ मिसाइल का हथियारों की सटीकता और घातकता सिद्ध करने के लिए भारी पेलोड (payload) और विभिन्न रेंज के लिए परीक्षण किया गया.

इस टेस्ट के दौरान पूर्वी तट और प्रभाव बिंदु (impact point ) के पास स्थित डाउन रेंज जहाजों में तैनात रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टि टेलीमेट्रीक ट्रैकिंग सिस्टम (Electro-Optic Tracking System) सहित सभी रेंज सेंसर और उपकरणों के ज़रिये निगरानी की गई.

प्रलय मिसाइल परियोजना साल 2015 में तकरीबन 300 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा बजट के साथ मंज़ूर की गई थी. इसे भारतीय थल सेना के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है और ये आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्सा बनेगी. प्रलय मिसाइल की ख़ास बात ये भी है कि ये मिसाइल ज़मीन से ही सिर्फ नहीं, मोबाइल लांचर से भी दागी जा सकती है.

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस लगातार सफल विकास उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई दी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने संबंधित टीम की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस सफल उड़ान परीक्षण से देश ने और विकास में अपने मजबूत डिजाइन और विकास क्षमताओं को साबित कर दिया है.