ब्रिगेडियर पिता की अस्थियां करगिल में प्रवाहित करने बेटी अमेरिका से आई

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ब्रिगेडियर शशिकांत की बेटी ने शिंगो नदी में अस्थियाँ प्रवाहित कीं

भारतीय सेना के एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर शशिकांत वसवादा की अस्थियाँ उनकी इच्छा के मुताबिक़ करगिल की शिंगो नदी  में विसर्जित करने के लिए उनकी पुत्री अमेरिका से ले कर आई . ब्रिगेडियर शशिकांत ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई जंग के दौरान करगिल में लड़ी गई प्वाइंट 13620  की लड़ाई में अहम योगदान दिया था. हाल ही में सैलानियों के लिए खोली  गई करगिल की यह एक ऐसी चोटी है जहां से पूरा करगिल नगर दिखाई देता है लिहाज़ा यह सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है .

ब्रिगेडियर शशिकांत वसवादा 1971 में जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंटरी की 9 वीं बटालियन ( 9 JAK LI) के द्वितीय कमान अधिकारी थे और बाद में इसके कमान अधिकारी ( कमांडिंग ऑफिसर ) भी बने. उनकी इच्छा थी कि उनकी अस्थियाँ उसी करगिल क्षेत्र की शिंगो नदी में प्रवाहित की जाएं जहां उन्होंने सेना व देश की सेवा के लिए जंग लड़ी थी .  ब्रिगेडियर शशिकांत की बेटी ने  अपने पिता और एक फौजी की इस आखिरी इच्छा को पूरा कने के लिए अमेरिका से यहां तक का सफर पूरा किया. उन्होंने 2 सितंबर को अस्थियाँ शिंगो की धारा में प्रवाहित की.

ब्रिगेडियर शशिकांत वसवादा

बेटी की तरफ से अपने फौजी पिता को यह आखरी बिदाई के पल बेहद भावुक कर गए. ये घटना एक फौजी के देश प्रेम और एक पुत्री के अपने स्वर्गवासी पिता की इच्छा के  प्रति  सम्मान  की शानदार मिसाल है जो हर किसी के दिल को छूती है .

प्वाइंट 13620 की लड़ाई :
भारतीय सेना के लिए 1971 में प्वाइंट 13620 पर कब्ज़ा करना बेहद महत्वपूर्ण था. यहां से न सिर्फ पूरा करगिल दिखाई देता था बल्कि श्रीनगर से लेह तक के बीच सम्पर्क मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग की आवाजाही भी स्पष्ट दिखाई देती है. इस प्वाइंट से निशाना लगाकर  राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले वाहनों पर आसानी से हमला किया जा सकता है . इसे रोकने के लिए प्वाइंट 13620 भारतीय  सेना का वहां कब्जा होना बहुत ज़रूरी था.

1971 में प्वाइंट 13620 की लड़ाई जीत कर कब्ज़ा करने के बाद तिरंगा फहराते भारतीय सैनिक

प्वाइंट 13620 पर कब्ज़ा करने की ज़िम्मेदारी गोरखा रेजीमेंट को सौंपी गई थी. 6 और 7 दिसंबर 1971 की रात को 2 /11 जी आर ने इस ऑपरेशन को मुकम्मल किया और 7 दिसंबर को यहां भारतीय परचम तिरंगा फहराया गया .

शिंगो नदी :
शिंगो नदी दर असल सिंधु नदी ( Indus river ) की एक सहायक  नदी है जिसका उदगम गिलगिट बाल्टिस्तान में होता है करगिल ज़िले से होते हुए यह द्रास नदी में मिल जाती है .