भारतीय वायु सेना ने मार्शल ऑफ एयरफोर्स अर्जन सिंह के बनाये ट्रस्ट को सम्मान दिया

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भारतीय वायु सेना ने वायु सेना के मार्शल एवं श्रीमती अर्जन सिंह ट्रस्ट को सम्मानित किया. सम्मान सेवानिवृत्त वायु सेना अध्यक्ष अरूप राहा ने प्राप्त किया.

भारत में अब तक के एकमात्र मार्शल ऑफ एयरफोर्स रहे अर्जन सिंह को समर्पित कविताओं के एक संग्रह ‘अभी काम बाकी है’ का विमोचन किया गया. पद्म विभूषण से भी सम्मानित और बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल भी रहे अर्जन सिंह ही भारतीय वायु सेना के ऐसे एकमात्र पांच सितारा रैंक वाले प्रमुख थे. मार्शल ऑफ द एयरफोर्स एंड मिसेज़ अर्जन सिंह ट्रस्ट को सम्मानित करने के अवसर पर ये विमोचन भारतीय वायु सेना के प्रमुख बिरेंदर सिंह धनोआ ने राजधानी नई दिल्ली स्थित आकाश एयरफोर्स ऑफिसर्स मेस में आयोजित कार्यक्रम में किया गया. सम्मान लेने के लिये मार्शल ऑफ एयरफोर्स रहे अर्जन सिंह के पुत्र अमेरिका से आये थे.

ये ट्रस्ट वायु सेना के पूर्व और सेवारत योद्धाओं, उनकी विधवाओं के कल्याण के लिए काम करता है. इसकी स्थापना मार्शल ऑफ एयरफोर्स अर्जन सिंह और उनकी पत्नी तेजी सिंह ने सवा दो करोड़ रूपये की अपनी राशि दान देकर आज ही के दिन की थी. भारतीय वायु सेना ने ही इस महान कार्य के लिए वायु सेना के मार्शल एवं श्रीमती अर्जन सिंह ट्रस्ट को सम्मानित किया. इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और सेवानिवृत्त वायु सेना अध्यक्ष, ट्रस्टी और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सम्मान दिया और साथ दिए अपने सम्बोधन में ट्रस्ट के संस्थापकों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने ट्रस्ट द्वारा किये जाने वाले कामों का ज़िक्र किया और विधवाओं और आश्रितों सहित सेवारत और सेवानिवृत्त वायु योद्धाओं के कल्याण के लिए किए गए महान कार्यों की सराहना की.

मार्शल ऑफ एयरफोर्स रहे अर्जन सिंह को समर्पित कविताओं के एक संग्रह ‘अभी काम बाकी है’ का विमोचन भी इस मौके पर किया गया.

सम्मान लेते वक्त मार्शल ऑफ एयर फोर्स अर्जन सिंह के पुत्र डॉ. अरविंद सिंह स्वाभाविक तौर से बेहद भावुक हो गये और उसी अंदाज में उन्होंने अपने पिता को याद किया जो 1964 से लेकर 1969 तक भारतीय वायु सेना के प्रमुख रहे. मार्शल अर्जन सिंह ही नहीं उनके पिता और दादा भी सेना की सेवा में रहे. मार्शल अर्जन सिंह ने 1938 से 1969 तक यानि 31 साल भारतीय वायु सेना में सेवा दी. 2002 से 2017 यानि मृत्यु के दिन तक वह मार्शल ऑफ एयरफोर्स रहे.

मार्शल ऑफ एयर फोर्स अर्जन सिंह ने 1965 में पाकिस्तानी “ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम” को रोककर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके बाद भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. वह 50 साल की उम्र में ही रिटायर हो गये थे और स्विट्जर लैंड में भारत के राजदूत भी रहे. मार्शल अर्जन सिंह को 1989 में दिल्ली का उपराज्यपाल भी नियुक्त किया गया था.

सम्मान समारोह को चिह्नित करने के लिए ट्रस्ट पर एक भव्य पुस्तिका और मार्शल पर काव्य पुस्तक “अभी काम बाकी है” का विमोचन एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) अरूप राहा ने संयुक्त रूप से किया. वायु सेना की तरफ से ट्रस्ट को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया.