दसाल्ट एविएशन निर्मित लड़ाकू विमान राफेल खरीदने के लिए किये गये भारतीय रक्षा सौदे के जारी विवाद के बीच भारतीय वायु सेना के उप प्रमुख रघुनाथ नाम्बियार ने पेरिस में इसकी उड़ान भरी. एयर मार्शल रघुनाथ नाम्बियार राफेल के निर्माण की प्रगति और इसकी भारत को सप्लाई से जुड़े कुछ पहलुओं का आकलन करने के लिए इसी हफ्ते फ्रांस पहुंचे.
भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के हिसाब से इस विमान में लगाई जाने वाली हथियार प्रणाली के पहलू से दसाल्ट एविएशन के विशेषज्ञों की मदद के लिए भारतीय वायु सेना की एक टीम फ्रांस में पहले मौजूद है. उम्मीद की जा रही है कि फ्रांसीसी निर्माता कम्पनी भारत के लिए बनाये जा रहे विमान सितम्बर 2019 में सौंपने शुरू कर देगी.
पेरिस पहुंचने पर भारतीय सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नाम्बियार ने भारतीय सेना के लिए बनाये गये पहले राफेल की क्षमता परखने के लिए ये उड़ान भरी.
विवाद :
उल्लेखनीय है कि भारत में, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सत्ताधारी राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक गठबंधन की सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 58000 करोड़ रुपये का सौदा किया है. विपक्षी दल कांग्रेस इस सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कह रही है कि उसके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ये सौदा कम दाम में किया था. कांग्रेस का इलज़ाम है कि वर्तमान सरकार फ्रांसीसी कम्पनी को, एक विमान की कीमत 1670 रुपये दे रही है जबकि उनके समय में जो अंतिम कीमत तय हुयी थी वो 526 करोड़ रुपए प्रति विमान थी.