भारत के सबसे बड़े क्वारंटाइन सेंटर का दिनभर का बन्दोबस्त सेना के हवाले

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दिल्ली के नरेला क्वारंटाइन सेंटर में सेना के डाक्टर.

राजधानी दिल्ली में कोविड 19 संदिग्धों का प्रबंधन करने के लिए बनाये गये देश के सबसे बड़े क्वारंटाइन केंद्रों में से एक नरेला क्वारंटाइन सेंटर को चलाने में अब सेना पुरज़ोर तरीके से आगे आई है. दिल्ली सरकार के इस केंद्र के संचालन में यूँ तो सेना 1 अप्रैल से सहयोग कर रही है लेकिन अब सुबह से शाम तक पूरा प्रबन्धन सेना की टीम ही करती है.

दिल्ली के सीमाई इलाके में इस केंद्र की स्थापना दिल्ली सरकार ने मार्च 2020 के मध्य में की थी. शुरुआती दिनों में, इस केंद्र में मित्र देशों से आए हुए 250 विदेशी नागरिकों को रखा गया था लेकिन बाद में निजामुद्दीन मरकज के तकरीबन 1,000 से ज्यादा लोगों को यहां पर रखा गया. पहली अप्रैल से सेना के डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों का एक दस्ता नरेला क्वारंटाइन केंद्र में नागरिक प्रशासन की मदद कर रहा है.

दिल्ली का नरेला क्वारंटाइन सेंटर

सेना ने अब 16 अप्रैल से सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक इस क्वारंटाइन सेंटर के बन्दोबस्त की जिम्मेदारी सम्भाल ली है जिससे दिल्ली सरकार के डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को राहत मिली है. उनको अब सिर्फ रात में ही इस केंद्र का प्रबंधन करना पड़ रहा है. सेना की टीम में 40 लोग शामिल हैं. इनमें 6 चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ 18 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं और ये वो हैं जो स्वेच्छा से परिसर में रहकर काम कर रहे है.

फिलहाल नरेला के क्वारंटाइन सेंटर में मरकज के 932 सदस्यों की देखभाल की जा रही है और उनमें से 367 लोगों के कोविड परीक्षण पॉजिटिव पाए गए हैं. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ” सेना की चिकित्सा टीम के पेशेवर व्यवहार ने वहां के निवासियों का दिल जीत लिया है और वे लोग सेना की मेडिकल टीम के साथ बहुत सहयोगात्मक और सकारात्मक व्यवहार कर रहे हैं.”