कीर्ति चक्र विजेता कमांडर अभिलाष टोमी सकुशल विशाखापट्टनम पहुंचे

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कमांडर अभिलाष टोमी
कमांडर अभिलाष टोमी के आईएनएस सतपुड़ा से विशाखापट्टनम पहुंचने पर वाइस एडमिरल केबी सिंह और टोमी के पिता (रिटायर्ड नेवी अधिकारी) ने रिसीव किया. फोटो : भारतीय नौसेना

गोल्डन ग्लोब रेस 2018 में समुद्री तूफान के दौरान नौका के क्षतिग्रस्त होने से बुरी तरह घायल हुए भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टोमी को भारतीय नौसैनिक पोत आईएनएस सतपुड़ा के जरिए शनिवार (6 अक्टूबर) को विशाखापट्टनम सुरक्षित लाया गया. फिलहाल वो चिकित्सा सहायता और निगरानी के लिए नौसैनिक अस्पताल आईएनएचएस कल्याणी में भर्ती हैं. वाइस एडमिरल करमबीर सिंह ने उन्हें लाने वाले आईएनएस सतपुड़ा के कैप्टन आलोक आनंद से भी बात की, जिनके पिता का उस समय निधन हो गया था जब वह टोमी के राहत अभियान के लिए जहाज को लेकर निकले थे.

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आईएनएस सतपुड़ा से बाहर आते कमांडर अभिलाष टोमी. फोटो : भारतीय नौसेना

कीर्ति चक्र से सम्मानित दमदार और साहसिक नाविक कमांडर अभिलाष टोमी दुनिया की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक इस रेस में भारत की नुमाइंदगी कर रहे थे और उनकी नौका ‘थूरिया’ दक्षिण हिंद महासागर में 21 सितंबर 2018 को एक तूफान की चपेट में आकर नष्ट हो गई थी. घायलावस्था में कमांडर अभिलाष टोमी को रेस से बाहर होना पड़ा. उनकी पीठ में इतनी जबरदस्त चोट लगी कि उनके लिए हिलना डुलना तक मुश्किल हो गया था.

इस दुर्घटना के वक्त कमांडर अभिलाष टोमी रेस के 18 प्रतिभागियों में से तीसरे स्थान पर थे. उन्होंने अपने घायल होने की जानकारी खुद ही दी थी और आस्ट्रेलियाई बचाव दल के साथ-साथ भारतीय नौसेना ने भी उन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन रक्षम चलाया था. 24 सितंबर को टोमी तक आस्ट्रेलियाई नौका ओरिसिस पहुंची थी जिसने उनको क्षतिग्रस्त ‘थूरिया’ से सुरक्षित निकाला. इसके बाद उन्हें एम्सटर्डम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

कमांडर टोमी ने गोवा विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली थी और वह 2000 में सेना में भर्ती हुए थे. वह अकेले ही समुद्री मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर लगा चुके हैं और इसके लिए उन्हें कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है.