स्मृति ईरानी ने सीआरपीएफ की 100 महिला बाइकर्स को गुजरात रवाना किया

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सीआरपीएफ के यशस्विनी दल को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ सुजॉय थाउसेन ( dr sujoy thaosen ) ने झंडी दिखाकर रवाना किया

मेघालय की राजधानी शिलांग से और जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से मोटर साइकिल पर सवार होकर दिल्ली पहुंची केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( Central Reserve Police Force – CRPF) की 100 महिलाओं का दल आज गुजरात के एकता नगर के लिए रवाना हुआ.  महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के तौर पर देश भर में अलग अलग स्थानों पर लोगों से मिलते मिलाते और ‘बेटी बचाओ – बेटी बढ़ाओ ‘ के नारे का प्रचार करती इन महिलाओं के 25 – 25 मोटर साइकिल वाले दल को सीआरपीएफ ने ‘ यशस्विनी ‘ अभियान दल  नाम दिया है . एक मोटर साइकिल पर दो महिलाएं हैं
राजधानी दिल्ली में सीआरपीएफ के इस अभियान ( crpf expedition ) को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ सुजॉय थाउसेन  ( dr sujoy thaosen ) ने शनिवार को झंडी दिखाकर रवाना किया. यह महिलाएं  31 अक्टूबर को जब गुजरात के केवड़िया पहुंचेगा लेकिन साथ इसमें 25 और मोटर साइकिलों पर सवार सीआरपीएफ की वह 50 महिलाएं भी शामिल होंगी जो कन्याकुमारी के त्रिवेणी से चली हैं .

उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर को , भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस अवसर पर केवड़िया में  सरदार पटेल की गगनचुम्बी प्रतिमा के प्रांगण में एकता दिवस के विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है.

सीआरपीएफ के यशस्विनी दल की सदस्य

दिलचस्प है कि इस यशस्विनी दल में सीआरपीएफ की कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्होंने पहले कभी मोटर साइकिल चलाई ही नहीं थी . उन्होंने इस अभियान में शामिल होने की जब इच्छा ज़ाहिर की तो उनको इसका विशेष प्रशिक्षण दिया गया. यह सभी महिलाएं रॉयल एनफील्ड की 350 सीसी की मोटर साइकिलों पर सवार हैं. इसका मकसद 15 राज्यों और 2 केंद्र शासित क्षेत्रों से गुजरते हुए एकता का संदेश देना है. यह यशस्विनी अभियान कुल मिलाकर 10 हज़ार किलोमीटर की यात्रा करेगा.

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सीआरपीएफ के उन वीरों को भी याद किया जिनके  बलिदान की घटना के बाद से हर साल भारत का पुलिस समुदाय 21 अक्टूबर को ‘ पुलिस  स्मृति दिवस ‘ ( police commemoration day ) के तौर पर मनाता है .  आज ही के दिन 1959 में लदाख के तत्ता पानी ( hot spring ) में वह घटना  हुई थी जिसमें चीन के हमले में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ – crpf ) के दस जवानों की मृत्यु हुई थी और 9 जवान घायल हुए थे. उनमें से भी एक ने बाद में प्राण त्याग दिए थे.