भारत में पिछले छह महीने में विभिन्न राज्यों और केन्द्रीय पुलिस एजेंसियों के नेतृत्व में उखाड़ – पछाड़ और बदलाव के बीच आखिर उस केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को पूर्ण कालिक मुखिया मिल ही गया जो दिल्ली मेट्रो से लेकर विभिन्न हवाई अड्डों और 300 से ज्यादा संस्थानों को सुरक्षा कवच मुहैया कराती है. भारतीय पुलिस सेवा के 1986 बैच के बिहार कैडर के अधिकारी शील वर्धन सिंह ने अब सीआईएसएफ के महानिदेशक का ओहदा सम्भाल लिया है. सोमवार को नई दिल्ली स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीआईएसएफ मुख्यालय में स्वागत के वक्त गारद की सलामी लेने के बाद आईपीएस शील वर्धन सिंह ने कार्यभार लिया.
मई में सीआईएसएफ महानिदेशक के पद से हटाकर आईपीएस सुबोध जायसवाल को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक बनाया गया था. तब से सीआईएसएफ के मुखिया का पद अतिरिक्त काम के तौर पर आईपीएस एम .ए . गणपति संभाले हुए थे. श्री गणपति राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक हैं.
आईपीएस शील वर्धन सिंह अभी तक इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक थे. आईपीएस के तौर पर 35 साल के काम के अनुभव के दौरान शील वर्धन सिंह बिहार राज्य समेत विभिन्न स्थानों पर पुलिस के अहम ओहदों पर रहे हैं. पुलिस में रह कर तो देश में उन्होंने काम किया ही है. श्री जायसवाल प्रतिनियुक्ति के दौरान विदेश मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं. शील वर्धन बंगलादेश में राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव के पद पर भी रहे हैं.
आईपीएस शील वर्धन सिंह को सीआईएसएफ का मुखिया बनाये जाने के प्रस्ताव को भारत की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पिछले हफ्ते ही मंज़ूरी दी थी.