![डा. किरण बेदी डा. किरण बेदी](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2018/05/kiran-1-696x439.jpg)
भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से सम्बन्धित एक सेमिनार में एक ऐसा नायाब नुस्खा सुझाया है जो न सिर्फ देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि अपराधियों पर लगाम कसने के साथ अपराधों की रोकथाम करने में भी मददगार साबित हो सकता है. उन्होंने राष्ट्र स्तर पर एक ऐसा टोल फ्री कॉल सेंटर बनाने का सुझाव दिया है जिसके जरिये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी ख़ुफ़िया जानकारियां इकट्ठा की जा सकती हैं.
- टोल फ्री कॉल सेंटर भरोसेमंद सेवा देने लायक हो
‘राष्ट्र की सुरक्षा : अवसर और चुनौतियां’ विषय पर इस सेमिनार का आयोजन सेंटर फार एडवांस्ड स्ट्रेटजिक स्टडीज़ (पुणे) की तरफ से किया गया था जिसमें जाने माने सुरक्षा विशेषज्ञों, राजनयिकों और अधिकारियों ने शिरकत की. श्रीमती बेदी ने कॉल सेंटर का सुझाव देते वक्त ये भी चेताया कि ये सेंटर भरोसेमंद सेवा देने लायक होने चाहिए. इसमें गोपनीयता बनाये रखने और सूचनाएं देने वाले को पुरस्कृत करने के प्रावधान हों और इसके लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा तन्त्र को प्रतिक्रियात्मक की बजाय असरदार बनाना होगा और इसके लिए समय पर अंदरूनी या बाहरी उपयोगी ख़ुफ़िया जानकारियां हासिल करनी होंगी. साथ ही इसमें उन लोगों की हिस्सेदारी होनी चाहिए जिनके लिए सुरक्षा की जा रही है, वे लोग तमाशबीन या पीड़ित ही न बने रहें. उन्हें चौकस और बचाने वाला बनना होगा.
अपराध और अपराधिक तन्त्र की गहरी समझ रखने वाली और मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किरण बेदी कहती हैं कि ज़्यादातर लोगों को पता होता है कि आसपास क्या चल रहा है लेकिन वो ये नहीं जानते कि ऐसा कौन सा भरोसे वाला शख्स है जिसे खबर करने पर कार्रवाई होगी और साथ ही वो उन पर कोई आंच नहीं आने देगा. उन्होंने ये भी कहा कि ख़ुफ़िया सूचनाएं महज़ कुछ चुनिन्दा पुलिसकर्मियों सीमित रखने का मतलब है समाज को महत्वपूर्ण जानकारियों से वंचित करना.
- सिस्टम का इस्तेमाल भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें प्राप्त करने में भी संभव
श्रीमती बेदी का मानना है कि एक बार ये सिस्टम बन गया तो आम लोगों से सूचनाएं मिलने में देरी नहीं होगी जिससे समय पर दखल देकर जुर्म रोके जा सकेंगे और जानोमाल का नुकसान भी बच सकेगा. उनका सुझाव है कि राष्ट्र स्तर पर टोल फ्री नम्बर वाले इस सिस्टम में तकनीकी का इस्तेमाल करके जुर्म करने वालों को ट्रेक किया जा सकता है जिससे उनमें पकड़े जाने का खौफ भी पैदा होगा.
इससे भी अलग एक और बात जो उन्होंने कही, वो ये कि इस सिस्टम का इस्तेमाल भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें प्राप्त करने में भी किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने इसके बेजा इस्तेमाल को रोकने की ताकीद करते हुए कहा कि फिल्टर के तौर पर इसके लिए भी उपाय अपनाने होंगे ताकि कोई इसे प्रताड़ित करने का जरिया न बना सके.
इस सेमिनार में लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे टीसीए राघवन, पूर्व वाइस एडमिरल अनूप सिंह, एयर मार्शल भूषण निकंठ गोखले जैसी शख्सियतों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया.
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