अवसर : भारत का स्वतंत्रता दिवस समारोह
स्थान : दिल्ली के वसंत कुंज का बी -1 ब्लॉक
समय : सुबह के 10 .30 बजे
पार्क में पौधारोपण के बाद पास के कम्युनिटी हॉल में कालोनी के छोट छोटे बच्चे अपने ने देश भारत की आज़ादी और पर्यावरण से सम्बन्धित विषय को लेकर कला और रंगों के ज़रिए अपने विचारों को ड्राइंग शीट पर ज़ाहिर कर रहे थे. बाहर बरामदे में उनके अभिभावक और कालोनी के बाकी लोग पर्यावरण जागरूकता के लिए छेड़ी गई रक्षक वर्ल्ड फाउंडेशन की मुहिम से जुड़ने की तैयारी में थे . फाउंडेशन ने लव फॉर फाउंटेन पैन #loveforfountainpen का आयोजन किया जिसके तहत वसंत कुंज वासियों को फाउंटेन पैन और स्याही वितरित की गई.
![](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2023/08/pen-rakshak-standee.jpg)
बॉल पैन , जैल पैन और ऐसे पैन के खाली रिफिल्स से पर्यावरण को पहुँचने वाले नुकसान के बारे लोगों को बताया गया तथा विकल्प के तौर पर फाउंटेन पैन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया . यूं तो यहां हर उम्र के लोगों ने फाउंटेन पैन fountain pen और उनसे की जाने वाली लिखाई में काफी दिलचस्पी दिखाई लेकिन युवा माताओं में इसे लेकर अधिक उत्साह देखा गया . कइयों ने कई बरस के बाद फाउंटेन पैन का इस्तेमाल किया तो उनको अपने बचपन के लमहे और स्कूल के दिन याद आ गए .
![](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2023/08/pen-judjes.jpg)
रक्षक वर्ल्ड फाउंडेशन ( rakshak world foundation ) के अध्यक्ष संजय वोहरा ने वर्क शॉप का संचालन करते हुए बताया कि ‘ लव फॉर फाउंटेन पैन ‘ सिर्फ बॉल पैन या पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले पैन को हतोत्साहित करने तक सीमित नहीं है. फाउंटेन पैन तो एक प्रतीक है . इस अभियान का असल मकसद तो समाज को ऐसे कचरे के प्रति सचेत करना है जो न केवल खतरनाक है बल्कि तेजी से बढ़ भी रहा है. कचरे का प्रबंधन और इसका प्रचार करना मात्र इस खतरे को कम नहीं करता . हमें कचरे का प्रबन्धन और उसे सुरक्षित तरीके से निपटाने की दिशा में तो काम करना ही है लेकिन साथ ही कचरे की बीमारी के मूल में जाकर इसे पैदा होने से रोकने की ज़रूरत है . इसके लिए बस तीन ” आर ” ( 3- R ) का नुस्खा ‘ रिड्यूस , रीयूज़ , रीसायकल ( Reduce , Reuse,Recycle) याद रखना होगा. यानि हमें कम से कम सामान लेना चाहिए यानि जितना ज़रूरत हो उतनी वस्तुएं खरीदें , उनको बार बार इस्तेमाल करें और जब इस लायक न हों तो उनको पुन उत्पादन की प्रक्रिया में लाएं .
![](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2023/08/pen-kids-painting.jpg)
सबसे आसान तो यही है कि पैकेटबंद , डिब्बाबंद बोतलबंद सामान कम से कम मात्रा में खरीदा जाए. प्लास्टिक की पैकिंग को हतोत्साहित किया जाए. एक बार इस्तेमाल करके फेंक दिए जाने वाली ( one time use ) उन डिस्पोजेबल प्लेट , ग्लास कटोरी , चम्मच आदि की खरीद फरोख्त बंद की जाए जो नॉन बायोडिग्रेडेबल हों.
![](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2023/08/pen-ink-group.jpg)
पर्यावरण जागरूकता वर्कशॉप के दौरान लोगों ने वातावरण को स्वच्छ रखने , पानी बचाने , प्लास्टिक इस्तेमाल कम करने , पौधे लगाने जैसे संकल्प करते हुए सस्टेनेबिलिटी प्लेज ( sustainability pledge ) पर दस्तखत किए.
दिलचस्प है कि यह सस्टेनेबिलिटी प्लेज उन्हीं फाउंटेन पेन और स्याही से लिखी गई जो रक्षक वर्ल्ड फाउंडेशन की लव फॉर फाउंटेन पैन #loveforfountainpen मुहिम के तहत निशुल्क वितरित किये जाते हैं . अब इस अभियान के तहत उस सुलेखा ब्रांड #Sulekha की स्याही और फाउंटेन पैन का वितरण किया जा रहा है जो भारत में बनी पहली स्याही ( ink ) है. इसके उत्पादन को शुरू करने के पीछे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रेरणा है.
![](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2023/08/pen-rwa.jpg)
इस कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग करने के लिए रक्षक वर्ल्ड फाउंडेशन की तरफ से रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ( बी -1 ब्लॉक ) वसंत कुंज के पदाधिकारियों का भर प्रकट करते हुए उनको भी फाउंटेन पैन व स्याही वितरित की गई. इस अभियान में हिस्सा लेने और सहयोग के लिए फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय वोहरा ने रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष मंजू स्वामीनाथन को प्रशंसा पत्र प्रदान करते हुए आभार व्यक्त किया .