कई सवाल खड़े करता है यूपी में प्रशिक्षु महिला सिपाहियों का हंगामा , कुछ अफसरों पर कार्रवाई

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यूपी पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षु महिला सिपाहियों का हंगामा
उत्तर प्रदेश के  गोरखपुर में प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी ( provincial armed police ) की  26वीं बटालियन स्थित केंद्र में प्रशिक्षण ले रही नवनियुक्त महिला कांस्टेबलों के बुधवार को किए हंगामे के , वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के , बाद राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन हरकत में आए . कुछ घंटे बाद पूरे मामले की जांच का आश्वासन देने , अव्यवस्था व अभद्रता के लिए ज़िम्मेदार पुलिस  अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और व्यवस्थाएं ठीक करने के भरोसे के बाद विरोध प्रदर्शन कर रही प्रशिक्षु महिला आरक्षी शांत हुई और  ट्रेनिंग पर लौटीं .

यूपी पुलिस ( up police) के इस ट्रेनिंग सेंटर में बड़ी तादाद में महिला  रंगरूट सिपाहियों  ने  “पानी और बिजली की खराब व्यवस्था” और नहाते समय “निजता  की कमी” के आरोप में विरोध प्रदर्शन किया था . कुछ घंटों बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को “शिकायतों का समय पर समाधान न करने” के आरोप में निलंबित कर दिया. पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय (गोरखपुर) के उप महानिरीक्षक ( deputy inspector general ) रोहन पी. कनय को भी हटा दिया . डीआईजी रोहन पी कनय को नई तैनाती नहीं दी गई . फिलहाल उनको प्रतीक्षा सूची में रखा गया है .  कमांडेंट आनंद कुमार और शारीरिक प्रशिक्षण निरीक्षक संजय राय को निलंबित कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान में माना है कि निलंबित कमांडेंट आनंद कुमार और शारीरिक प्रशिक्षण निरीक्षक संजय राय ने महिला प्रशिक्षु सिपाहियों के साथ “अनुचित भाषा” इस्तेमाल की थी.

नए भर्ती बैच के सोमवार को प्रशिक्षण शुरू होने के दो दिन बाद, बुधवार सुबह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था . इस केंद्र में  साल 2023 बैच की 600 महिला सिपाहियों में से 598  नौ महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं .

हंगामे के बाद मीडिया से बातचीत में पीएसी के महानिरीक्षक  प्रीतिंदर सिंह ने कहा था  कि कुछ महिला प्रशिक्षुओं  द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने के बाद, वरिष्ठ अधिकारी प्रशिक्षण केंद्र पहुँचे और पाया कि एक “तकनीकी खराबी” के कारण बिजली आपूर्ति में “अस्थायी व्यवधान” आया था, जिसका असर पानी की आपूर्ति पर पड़ा. उन्होंने  सिंह ने दावा था कि बिजली की समस्या “बातचीत के बाद तुरंत हल कर दी गई.”

प्रदर्शनकारी महिलाओं के स्नान क्षेत्र में कैमरा लगे होने व निजता उल्लंघन के आरोप को  सिरे से ख़ारिज कर दिया था. आईजी प्रीतिंदर सिंह का कहना  था कि यह आरोप “निराधार” हैं . बल्कि  उन्होंने यह तक कहा कि “सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वालों” के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनकी पहचान करने के प्रयास जारी हैं.

निलंबित होने से पहले, कमांडेंट आनंद कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था  कि मंगलवार रात बार-बार बिजली कटौती के कारण जनरेटर का काम बाधित हुआ, जिससे रंगरूटों की नींद प्रभावित हुई.  कुमार ने कहा, “परिणामस्वरूप, कई कांस्टेबल सुबह की परेड में शामिल नहीं हो पाए और विरोध प्रदर्शन करने लगे… पानी की भी कमी है.

निजता की कमी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, कुमार ने कहा, “वे एक ही बाड़े में नहाने को तैयार नहीं थे. इसलिए निजता सुनिश्चित करने के लिए शौचालयों में विभाजन लगाने का निर्णय लिया गया है.”

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में, एक प्रशिक्षु महिला यह पूछती हुई सुनाई दे रही है, “अगर उचित व्यवस्था नहीं थी, तो हमें यहाँ क्यों बुलाया गया?” अन्य पीने के पानी की कमी, बिजली की समस्या और निजी स्नान क्षेत्रों की कमी की शिकायत की.  कुछ लोगों ने प्रशिक्षण के लिए एक साथ बड़ी संख्या में रिक्रूटों को बुलाने के फैसले पर भी सवाल उठाए.

बुधवार शाम जारी एक बयान में, यूपी पुलिस ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस मुख्यालय ने महिला रिक्रूटों द्वारा उठाए गए मुद्दों का गंभीरता से संज्ञान लिया है और यूपी के पुलिस महानिदेशक (director general of police ) राजीव कृष्ण के निर्देश पर कार्रवाई की है.

बयान में कहा गया है कि उपलब्ध तथ्यों और प्रारंभिक जांच के आधार पर, डीजीपी राजीव कृष्ण  ( dgp rajiv krishan) ने आनंद कुमार को अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही और ढीले ढाले सुपरविजन का दोषी पाया.

शासन ने अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार को पीटीएस, गोरखपुर में तैनात किया है, जबकि कानपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व स्टोर में तैनात एएसपी निहारिका शर्मा को 26वीं बटालियन पीएसी, गोरखपुर का कार्यवाहक कमांडेंट नियुक्त किया गया है.

सूत्रों ने बताया कि पुलिस विभाग ने केंद्र में जल भंडारण क्षमता में सुधार करने और उच्च क्षमता वाला जनरेटर लगाने का निर्णय लिया है.  एक अधिकारी ने बताया, “गोरखपुर जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस और बिजली विभाग 26वीं बटालियन पीएसी केंद्र के साथ समन्वय कर रहे हैं.”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का  गुरुवार को गोरखपुर स्थित पीएसी की  26वीं बटालियन परिसर में कर्मियों के लिए एक बैरक टॉवर का उद्घाटन करने का प्लान  है.