
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में यूपी पुलिस ( up police ) के ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण के लिए आई महिला सिपाही रंगरूटों ने वहां की अव्यवस्था की पोल खोलते हुए हंगामा कर डाला. वे ट्रेनिंग सेंटर से बाहर निकल आई और उन्होंने बुनियादी सुविधाओं की कमी से लेकर यहां तक आरोप लगा दिए कि वहां बाथरूम में कैमरे भी लगे हैं. इस घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है .
न्यूज़18 में प्रकाशित समाचार के मुताबिक़ यहां के बिछिया स्थित पीएसी कैंपस में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग बुधवार को उस वक्त विवादों में घिर गई, जब करीब 600 ट्रेनी महिला सिपाहियों ने सुबह हंगामा कर दिया. वे रोती-चिल्लाती हुई ट्रेनिंग सेंटर से बाहर निकल आईं और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के खिलाफ विरोध जताया. उन्होंने यह तक आरोप लगाया कि बाथरूम में कैमरे लगे हैं.
इस समाचार के मुताबिक़ एक प्रशिक्षु महिला सिपाही ने रोते हुए कहा कि बाथरूम में कैमरे लगे हैं और उनका वीडियो बन गया है. आरोप है कि कुछ अफसरों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने सिर्फ सुना और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. वहीं, लखनऊ से ट्रेनिंग के लिए आई एक महिला ने बताया, ‘पूरी रात बिजली नहीं थी, जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं. सुबह वॉशरूम में पानी नहीं आता और दिन भर में सिर्फ आधा लीटर पीने का पानी मिलता है. खाने की गुणवत्ता भी बेहद खराब है.’
इस रिपोर्ट के मुताबिक़ महिला रंगरूटों का कहना था कि ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता सिर्फ 360 की है, लेकिन यहां 600 महिलाएं ठूंसी जा रही हैं. इससे रहने, सोने और सुविधाओं में दिक्कत हो रही है. महिलाओं की मांग है कि जब तक समस्याओं का हल नहीं किया जाता, वे ट्रेनिंग नहीं करेंगी.
महिला रिक्रूट्स का आरोप है कि ट्रेनिंग सेंटर में किसी भी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं . एक वायरल वीडियो में महिला रिक्रूट कह रहीं है कि जहां 35 लडकियों के रहने की जगह है वहां मात्र 4 पंखे है . वे भी धीमी गति से चलते है . वोल्टेज भी कम आती है. जब लड़कियों ने अपना पंखा लाकर लगाने की बात कही तो उनसे बिजली का बिल भरने को कहा गया. उनका कहना था कि पूरी रात बिजली नहीं थी. यहां पर जनरेटर की भी इंतजाम नहीं है. इतनी गर्मी में रात भर सभी रिक्रूटर्स को जाग कर बितानी पड़ी.
एक अन्य रंगरूट का कहना था कि इतनी बड़ी संख्या में रंगरूटों के पीने के पानी के लिए सिर्फ एक आरओ सिस्टम लगा है. नहाने के लिए सही तरीके के बंद बाथरूम भी नहीं है. पुरुष भी वहां से आते जाते उनको देखते हैं .
जिस जिले में यह ट्रेनिंग सेंटर है वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि कहलाता है . हंगामे की सूचना मिलते ही ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनर और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। वे आक्रोशित महिला सिपाहियों को समझाने का प्रयास कर रहे है.
इससे पहले अविवाहित महिला रंगरूट सिपाहियों के प्रेगनेंसी टेस्ट ( pregnancy test) को लेकर विवाद खड़ा हो गया था . स्वास्थ्य जांच संबंधी आदेश से जुड़े उप महानिरीक्षक रोहन पी. के एक पत्र के तहत ऐसा किया जा रहा था . जब गर्भधारण जांच के लिए मेडीकल टीम पहुंची तब विवाद खड़ा हुआ . यह सूचना पुलिस मुख्यालय पहुंची लिहाज़ा महानिरीक्षक चंद्र प्रकाश के हस्तक्षेप के बाद अविवाहित महिला सिपाही रंगरूटों की गर्भ धारण जांच का आदेश निरस्त किया गया . अविवाहित रंगरूटों को गर्भवती न होने का शपथ पत्र ही देना होगा. यदि कोई गर्भवती हो तो वह इसकी जानकारी स्वयं दे सकती है. उस रंगरूट की ट्रेनिंग बाद के बैच में हो सकती है .